Daily Current affairs 18 Oct 2022 UPSC 2023 , Short Notes
18 Oct 2022
भारत का पहला एल्युमीनियम
फ्रेट रेक – हाल ही में केंद्रीय रेल मंत्री ने भुवनेश्वर
रेलवे स्टेशन पर भारत के पहले एल्युमिनियम फ्रेट रेक-61 BOBRNALHSM1 का उद्घाटन किया।
नीलकुरिंजी के फूल: – नीलकुरिंजी मे ‘नील’ का
अर्थ है नीला और 'कुरिंजी' का अर्थ फूलों से है।
परिपक्वता पर फूलों का हल्का नीला रंग
बैंगनी-नीले रंग में बदल जाता है।
इन फूलों के आधार पर ही "नीलगिरि पर्वत शृंखला” का नाम पड़ा है।
इसका नाम प्रसिद्ध कुंती नदी के नाम पर रखा गया है जो केरल के साइलेंट वैली
राष्ट्रीय उद्यान से होकर बहती है, जहाँ यह फूल बहुतायत में पाया जाता है।
नई
किस्मों की खोज: – नीलकुरिंजी
के फूलों के वे प्रकार जिनकी पहचान पहाड़ी शृंखलाओं में की गई है, उनमें शामिल हैं:
·
स्ट्रोबिलेंथिस अनामलिका
·
स्ट्रोबिलेंथिस हेयनियस
·
स्ट्रोबिलेंथिस पुलिनेंसिस
·
स्ट्रोबिलेंथिस नियोएस्पर
यह फूल 12 वर्ष
में एक बार खिलता है क्योंकि फूलों के परागण के लिये लंबी अवधि की आवश्यकता होती
है।
डी.वाई. चंद्रचूड़: भारत के 50वें मुख्य न्यायाधीश – न्यायमूर्ति धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ को भारत के 50वें मुख्य न्यायाधीश (CJI) के रूप में नियुक्त किया गया है, जो 49वें CJI उदय उमेश ललित के उत्तराधिकारी है।
वैश्विक बहुआयामी गरीबी
सूचकांक (MPI) 2022 – हाल ही में संयुक्त
राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) और ‘ऑक्सफोर्ड
पॉवर्टी एंड ह्यूमन डेवलपमेंट इनीशिएटिव’
(OPHI) द्वारा वैश्विक बहुआयामी गरीबी
सूचकांक (एमपीआई) 2022 जारी किया गया।
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दुनिया में सबसे ज़्यादा 22.8 करोड़ गरीब भारत में हैं, इसके बाद नाइजीरिया में 9.6 करोड़ लोग गरीब हैं।
जैविक उर्वरक:
जैविक उर्वरक एक ऐसा उर्वरक है जो जैविक स्रोतों से प्राप्त होता है, जिसमें जैविक खाद, पशु खाद, मुर्गी पालन और घरेलू सीवेज शामिल हैं।
सरकारी नियमों के अनुसार, जैविक खाद को दो वर्गों में वर्गीकृत किया जा सकता है: जैव उर्वरक और जैविक
खाद।
जैव उर्वरक: – यह ठोस या तरल वाहकों से जुड़े जीवित
सूक्ष्मजीवों से निर्मित हैं और कृषि योग्य भूमि के लिये उपयोगी होते हैं। ये
सूक्ष्मजीव मृदा और/या फसलों की उत्पादकता बढ़ाने में मदद करते हैं।
उदाहरण: राइजोबियम, एजोस्पिरिलियम,
एजोटोबैक्टर, फॉस्फोबैक्टीरिया, नील हरित शैवाल (BGA), माइकोराइजा, एजोला।
जैविक खाद: – ‘जैविक खाद’
का तात्पर्य आंशिक रूप
से विघटित कार्बनिक पदार्थ जैसे बायोगैस संयंत्र, खाद और वर्मीकम्पोस्ट से है। ये मृदा / फसलों
को पोषक तत्त्व प्रदान करते हैं तथा उपज में सुधार करते हैं।