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Daily Current affairs 16 Aug 2022 UPSC 2023 , Short Notes

Daily Current affairs 16 Aug 2022 UPSC 2023 , Short Notes


16th Aug 2022

 

1. क्रोनिक फेटीग सिंड्रोम 

यह गंभीर और दुर्बल करने वाली बीमारी है जो तंत्रिका तंत्र, प्रतिरक्षा प्रणाली तथा शरीर के ऊर्जा उत्पादन तंत्र को प्रभावित करती है। इसे "मायल्जिक एन्सेफेलोमाइलाइटिस" के रूप में भी जाना जाता है। इसके संभावित परिणाम वायरल या बैक्टीरियल संक्रमण, हार्मोनल असंतुलन और आनुवंशिक दोष हैं।

 

2. नए रामसर स्थल 

भारत की 11 नई आर्द्रभूमियों को रामसर स्थल या अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की आर्द्रभूमियों में शामिल किया गया है, इसके बाद अब देश में रामसर स्थलों की संख्या 75 हो गई।

तमिलनाडु में रामसर स्थलों की संख्या (14) अधिकतम है, उसके बाद उत्तर प्रदेश (10) का स्थान आता है।

 

तम्पारा झील

ओडिशा

हीराकुंड जलाशय

ओडिशा

 अंसुपा झील

ओडिशा

यशवंत सागर

मध्य प्रदेश

चित्रानुडी पक्षी अभयारण्य

तमिलनाडु

सुचिन्द्रम थेरूर आर्द्रभूमि परिसर

तमिलनाडु

वदुवुर पक्षी अभयारण्य

तमिलनाडु

कांजीरनकुलम पक्षी अभयारण्य

तमिलनाडु

ठाणे क्रीक

महाराष्ट्र

हाइगम आर्द्रभूमि संरक्षण रिज़र्व

जम्‍मू और कश्‍मीर

शालबुग वेटलैंड कंजर्वेशन रिज़र्व

जम्‍मू और कश्‍मीर

 

3. हाथ से मैला ढोने की समस्या से निपटने हेतु उठाए गए कदम: (GS – 2 )  (Mains ke liye)

मैनुअल स्कैवेंजर्स के रूप में रोज़गार का निषेध और उनका पुनर्वास (संशोधन) विधेयक, 2020: इसमें सीवर की सफाई को पूरी तरह से मशीनीकृत करने, 'ऑन-साइट' सुरक्षा के तरीके पेश करने और सीवर से होने वाली मौतों के मामले में मैला ढोने वालों को मुआवज़ा प्रदान करने का प्रस्ताव है।

  •   मैनुअल स्कैवेंजर्स के नियोजन का प्रतिषेध और उनका पुनर्वास अधिनियम, 2013 :
  •    अस्वच्छ शौचालयों का निर्माण और रखरखाव अधिनियम 2013:  यह अस्वच्छ शौचालयों के निर्माण या रख-रखाव, और किसी को भी अपने हाथ से मैला ढोने के लिये काम पर रखने के साथ-साथ सीवरों और सेप्टिक टैंकों की खतरनाक सफाई को गैर-कानूनी घोषित करता है।
  • अत्याचार निवारण अधिनियम
  •   सफाईमित्र सुरक्षा चुनौती:
  •   'स्वच्छता अभियान ऐप':
  •   सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय: वर्ष 2014 में सर्वोच्च न्यायालय के एक आदेश ने सरकार के लिये उन सभी लोगों की पहचान करना अनिवार्य कर दिया था, जो वर्ष 1993 से सीवेज के काम में मारे गए थे और प्रत्येक व्यक्ति के परिवार को मुआवज़े के रूप में 10 लाख रुपए दिये जाने का भी आदेश दिया गया था।

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