Weekly Current Affairs | 7th August 2022 to 13th August 2022 | UPSC CSE 2023 | Hindi Medium | Short Notes
1. पाइरीन उपचार के लिये कवक
(CSIR) के शोधकर्त्ताओं ने पर्यावरण से विषाक्त, अनिर्देशित (आसानी से नियंत्रित नहीं) और कार्सिनोजेनिक पाइरीन या पॉलीसाइक्लिक एरोमैटिक हाइड्रोकार्बन (PAH) को हटाने में सक्षम एक कवक की पहचान की हैशोधकर्त्ताओं ने अपने अध्ययन के लिये गैस क्रोमैटोग्राफिक-मास स्पेक्ट्रोमीटर और सीरोटोम विश्लेषण का इस्तेमाल किया। एक सफेद दुर्गंधयुक्त युक्त कवक Trametesmaxima IIPLC-32 की पहचान की गई जिसमें पाइरीन के माइक्रोबियल क्षरण का कारण बनने की क्षमता है
कवक माइक्रोबियल क्षरण का कार्य करता है, जिससे मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार होता है।
कवक (टी.मैक्सिमा) विशेष रूप से पाइरीन के उपचार में मददगार साबित हो सकता है।
2. प्रतिस्पर्द्धा (संशोधन) विधेयक 2022:
यह भारतीय प्रतिस्पर्द्धा आयोग (CCI) की संरचना को बदलने का प्रयास करता है। यह वर्तमान बाज़ारों की ज़रूरतों को पूरा करने के लिये CCI को अनुमति देने का प्रावधान करता है।
3. बढ़े चलो अभियान
– आजादी के अमृत महोत्सव के हिस्से के रूप में संस्कृति मंत्रालय ने भारत के अधिक से अधिक युवाओं से जुड़ने और उनके अंदर देशभक्ति की भावना को जागृत करने के उद्देश्य से "बढ़े चलो अभियान" की शुरुआत की है।
4. बेरोज़गारी पर अंकुश लगाने हेतु संभावित उपाय (Mains ke liye)
- कृषि में संलग्न श्रमिकों को कौशल प्रशिक्षण प्रदान करना:
- रोज़गार सृजित करने के लिये प्रत्येक उद्योग को विशेष पैकेज की आवश्यकता
- औद्योगिक गतिविधियों का विकेंद्रीकरण किया जाना आवश्यक
§ सरकार की पहल:
o "आजीविका और उद्यम के लिये सीमांत व्यक्तियों हेतु समर्थन" (स्माइल)
o पीएम दक्ष योजना
o (मनरेगा)
o प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना
o स्टार्टअप इंडिया योजना
5 .खाद्य प्रसंस्करण और भारत में इस क्षेत्र की वर्तमान स्थिति: (Mains)
परिचय – खाद्य प्रसंस्करण एक प्रकार का विनिर्माण है जिसमें वैज्ञानिक ज्ञान और प्रौद्योगिकी का उपयोग करके कच्चे माल को मध्यवर्ती खाद्य पदार्थों या खाद्य वस्तुओं में संसाधित किया जाता है।
इसके अंतर्गत ज़ल्द ही खराब होने वाले और अखाद्य, खाद्य संसाधनों को विभिन्न तकनीकों का उपयोग करके अधिक उपयोगी, लंबे समय तक इस्तेमाल किये जा सकने वाले भोजन या पेय पदार्थों में परिवर्तित किया जाता है।
यह तैयार उत्पाद की भंडारण क्षमता, सुवाह्यता, स्वाद और सुविधा में सुधार करता है।
महत्त्व:
भारतीय खाद्य क्षेत्र पैमाने के मामले में पाँचवें स्थान पर है, जो सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 6%, भारतीय निर्यात का 13% और देश में समग्र औद्योगिक निवेश का 6% योगदान देता है।
वर्तमान स्थिति:
o चीन के बाद भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा फल और सब्जियों का उत्पादक है, फिर भी केवल 2% फसल ही संसाधित होती है।
o एक महत्त्वपूर्ण विनिर्माण आधार के बावजूद भारत की प्रसंस्करण क्षमता अत्यंत कम है (10 प्रतिशत से कम)
सरकार द्वारा उठाए गए विभिन्न नीतिगत कदम
1 . PSL, 2.खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के लिये स्वचालित मार्ग के तहत 100%FDI , 3.मेगा फूड पार्क (MFP)
6. वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR):
CSIR भारत का सबसे बड़ा अनुसंधान एवं विकास (R&D) संगठन है। CSIR का वित्तपोषण विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा किया जाता है तथा यह सोसायटी पंजीकरण अधिनियम, 1860 के अंतर्गत एक स्वायत्त निकाय के रूप में पंजीकृत है
§ स्थापना: सितंबर 1942
§ मुख्यालय: नई दिल्ली
संगठनात्मक संरचना:
§ अध्यक्ष: भारत का प्रधानमंत्री (पदेन अध्यक्ष)।
§ उपाध्यक्ष: केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री (पदेन उपाध्यक्ष)
7. समुद्री तापीय ऊर्जा रूपांतरण संयंत्र
समुद्री तापीय ऊर्जा रूपांतरण (OTEC) समुद्र की सतह के जल और गहरे समुद्र के जल के बीच विद्यमान तापांतर का उपयोग कर ऊर्जा उत्पादन करने की एक प्रक्रिया है। महासागर विशाल ऊष्मा भंडार हैं क्योंकि ये पृथ्वी की सतह का लगभग 70% भाग कवर करते हैं
8. विद्युत संशोधन विधेयक, 2022
विद्युत संशोधन विधेयक, 2022 का उद्देश्य कई अभिकर्त्ताओं को बिजली आपूर्तिकर्त्ताओं के वितरण नेटवर्क तक खुली पहुँच प्रदान करना और उपभोक्ताओं को किसी भी सेवा प्रदाता को चुनने की अनुमति देना है।
9. लघु उपग्रह प्रक्षेपण यान (SSLV)
–ISRO ने पृथ्वी अवलोकन उपग्रह EOS-02 और विद्यार्थियों द्वारा निर्मित उपग्रह आज़ादीसैट (AzaadiSAT) को लेकर लघु उपग्रह प्रक्षेपण यान (SSLV) की पहली उड़ान शुरू की थी। हालाँकि यह मिशन उपग्रहों को उनकी निर्धारित कक्षाओं में स्थापित करने में विफल रहा और उपग्रह जो कि पहले से ही प्रक्षेपण यान से अलग हो चुके थे, उनके मध्य संपर्क टूट गया
लघु उपग्रह प्रक्षेपण यान (SSLV) एक तीन चरण का प्रक्षेपण यान है जिसे तीन ठोस प्रणोदन चरणों और एक तरल प्रणोदन-आधारित वेलोसिटी ट्रिमिंग मॉड्यूल (VTM) के साथ टर्मिनल चरण के रूप में कॉन्फ़िगर किया गया है।
§ प्रमुख विशेषताएँ:
o निम्न लागत
o कम टर्न-अराउंड समय
o अनेक उपग्रहों को समायोजित करने में सक्षम
o लॉन्च मांग व्यवहार्यता
o न्यूनतम लॉन्च बुनियादी ढाँचे की उपलब्धता
10. विद्युत चुंबकीय क्षेत्र (EMF) उत्सर्जन:
परिचय: विद्युत चुंबकीय क्षेत्र अदृश्य विद्युत और चुंबकीय बल के क्षेत्रों का एक संयोजन है।
विद्युत क्षेत्र वोल्टेज में अंतर से निर्मित होते हैं: वोल्टेज जितना अधिक होगा परिणामी क्षेत्र उतना ही मज़बूत होगा।
जब विद्युत धारा प्रवाहित होती है तो चुंबकीय क्षेत्र बनते हैं: जितना अधिक विद्युत धारा होगी उतनी ही मज़बूत चुंबकीय क्षेत्र होगा।
EMF के प्राकृतिक स्रोत:
· विद्युत चुंबकीय क्षेत्र हमारे पर्यावरण में हर जगह मौज़ूद हैं लेकिन मानव आँखों के लिये अदृश्य हैं।
· वातावरण में विद्युत आवेशों के गरज-चमक से स्थानीय रूप से विद्युत क्षेत्र उत्पन्न होते हैं
3. एनआरसी लागू करेगा मणिपुर
हाल ही में मणिपुर विधानसभा ने राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) को लागू करने और राज्य जनसंख्या आयोग (SPC) की स्थापना करने का संकल्प लिया है।
11. राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर:
‘राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर’ (NRC) प्रत्येक गाँव के संबंध में तैयार किया गया एक रजिस्टर होता है, जिसमें घरों या जोतों को क्रमानुसार दिखाया जाता है और इसमें प्रत्येक घर में रहने वाले व्यक्तियों की संख्या एवं नाम का विवरण भी शामिल होता है।
यह रजिस्टर पहली बार भारत की वर्ष 1951 की जनगणना के बाद तैयार किया गया था और हाल ही में इसे अपडेट भी किया गया है।
इसे अभी तक केवल असम में ही अपडेट किया गया है और सरकार इसे राष्ट्रीय स्तर पर भी अपडेट करने की योजना बना रही है।
उद्देश्य: इसका उद्देश्य ‘अवैध’ अप्रवासियों को ‘वैध’ निवासियों से अलग करना है।
नोडल एजेंसी: महारजिस्ट्रार एवं जनगणना आयुक्त, ‘राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर’ के लिये नोडल एजेंसी है।
12. संसदीय विशेषाधिकार:
परिचय: संसदीय विशेषाधिकार का आशय संसद के दोनों सदनों, उनकी समितियों और उनके सदस्यों द्वारा प्राप्त विशेष अधिकार, उन्मुक्तियाँ और छूट प्रदान करने से है।
इन विशेषाधिकारों को भारतीय संविधान के अनुच्छेद 105 में परिभाषित किया गया है।
इन विशेषाधिकारों के तहत संसद सदस्यों को उनके कर्तव्यों के दौरान दिये गए किसी भी बयान या कार्य के लिये किसी भी नागरिक दायित्व (लेकिन आपराधिक दायित्व नहीं) से छूट दी गई है।
विशेषाधिकारों का दावा तभी किया जाता है जब व्यक्ति सदन का सदस्य हो।
जब वह सदस्य नहीं रहता है तो उसके विशेषाधिकारों को समाप्त कर दिया जाता है।
सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि संसदीय विशेषाधिकार प्रतिरक्षा का माध्यम नहीं हैं और जो विधायक बर्बरता एवं अपराध में लिप्त हैं, वे संसदीय विशेषाधिका रतथा आपराधिक अभियोजन से उन्मुक्ति का दावा नहीं कर सकते हैं।
13. प्रधानमंत्री आदि आदर्श ग्राम योजना (PMAAGY):
यह राज्य जनजातीय उप-योजना (TSP) में अतिरिक्त के रूप में विशेष केंद्रीय सहायता प्रदान करके जनजातीय लोगों के विकास एवं कल्याण के लिये राज्य सरकारों के प्रयासों का पूरक है।
स्वास्थ्य, शिक्षा, कनेक्टिविटी और आजीविका जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों के लिये बुनियादी ढाँचे में सुधार।
यह योजना विकास के प्रमुख 8 क्षेत्रों में अंतराल को कम करने के लिये तैयार की गई है।
· सड़क कनेक्टिविटी (आंतरिक और अंतर गाँव/ब्लॉक)
· दूरसंचार कनेक्टिविटी (मोबाइल/इंटरनेट)स्कूल
· आँगनबाडी केंद्र
· पेयजल सुविधा
· जलनिकास
· ठोस अपशिष्ट प्रबंधन
14. अनुसूचित जनजातियों को भारतीय संविधान द्वारा प्रदत्त बुनियादी सुरक्षा उपाय:
भारतीय संविधान में 'जनजाति' शब्द को परिभाषित नहीं किया गया है, हालाँकि अनुसूचित जनजाति शब्द को संविधान में अनुच्छेद 342 (i) के माध्यम से जोड़ा गया था।
यह निर्धारित करता है कि 'राष्ट्रपति, सार्वजनिक अधिसूचना द्वारा जनजातियों या जनजातीय समुदायों या जनजातीय भागों के कुछ हिस्सों या समूहों को निर्दिष्ट कर सकते हैं, जिन्हें इस संविधान के प्रयोजनों के लिये अनुसूचित जनजाति माना जाएगा।
संविधान की पाँचवीं अनुसूची अनुसूचित क्षेत्रों वाले प्रत्येक राज्य में एक जनजाति सलाहकार परिषद की स्थापना का प्रावधान करती है।
§ शैक्षिक और सांस्कृतिक सुरक्षा उपाय:
o अनुच्छेद 15(4): अन्य पिछड़े वर्गों की उन्नति के लिये विशेष प्रावधान (इसमें अनुसूचित जनजाति शामिल है)।
o अनुच्छेद 29: अल्पसंख्यकों के हितों का संरक्षण (इसमें अनुसूचित जनजाति शामिल है)
o अनुच्छेद 46: राज्य लोगों के कमज़ोर वर्गों और विशेष रूप से अनुसूचित जातियों एवं अनुसूचित जनजातियों के शैक्षिक और आर्थिक हितों को विशेष देखभाल के साथ बढ़ावा देगा तथा सामाजिक अन्याय और सभी प्रकार शोषण से उनकी रक्षा करेगा।
o अनुच्छेद 350: विशिष्ट भाषा, लिपि या संस्कृति के संरक्षण का अधिकार।
§ राजनीतिक सुरक्षा उपाय:
o अनुच्छेद 330: लोकसभा में अनुसूचित जनजातियों के लिये सीटों का आरक्षण।
o अनुच्छेद 332: राज्य विधानसभाओं में अनुसूचित जनजातियों के लिए सीटों का आरक्षण
o अनुच्छेद 243: पंचायतों में सीटों का आरक्षण।
§ प्रशासनिक सुरक्षा:
o अनुच्छेद 275: यह अनुसूचित जनजातियों के कल्याण को बढ़ावा देने और उन्हें एक बेहतर प्रशासन प्रदान करने के लिये केंद्र सरकार द्वारा राज्य सरकार को विशेष निधि प्रदान करने का प्रावधान करता है।
जनजातीय आबादी के लिये कुछ अन्य पहलें:
TRIFED) वर्ष 1987 में अस्तित्व में आया। यह जनजातीय मामलों के मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में कार्यरत एक राष्ट्रीय स्तर का शीर्ष संगठन है
जनजातीय स्कूलों का डिजिटल परिवर्तन
जनजातीय मामलों के मंत्रालय ने "PVTG के विकास" की योजना लागू की
प्रधानमंत्री वन धन योजना - 'संकल्प से सिद्धि' पहल, जिसे 'मिशन वन धन' के रूप में भी जाना जाता है, को केंद्र सरकार द्वारा भारत की आदिवासी आबादी के लिये एक स्थायी आजीविका सुनिश्चित करने के प्रधानमंत्री के उद्देश्य के अनुरूप वर्ष 2021 में प्रस्तुत किया गया था
एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय
15. मौद्रिक नीति समीक्षा: RBI
§ प्रमुख दरें:
पॉलिसी रेपो दर: 5.40% – रेपो दर वह दर है जिस पर किसी देश का केंद्रीय बैंक (भारत के मामले में भारतीय रिज़र्व बैंक) किसी भी तरह की धनराशि की कमी होने पर वाणिज्यिक बैंकों को धन देता है। इस प्रक्रिया में केंद्रीय बैंक प्रतिभूति खरीदता है।
स्थायी जमा सुविधा (SDF): 5.15% वस्तुतः इसे अधिशेष तरलता (Surplus Liquidity) को समाप्त करने एवं बैंकिंग प्रणाली की समस्या को कम करने के एक उपकरण के तौर पर देखा जा रहा है|
यह रिवर्स रेपो सुविधा से इस मायने में अलग है कि इसमें बैंकों को फंड जमा करते समय संपार्श्विक प्रदान करने की आवश्यकता नहीं होती है।
सीमांत स्थायी सुविधा दर: 5.65% MSF ऐसी स्थिति में अनुसूचित बैंकों के लिये आपातकालीन स्थिति में RBI से ओवरनाइट (रातों-रात) ऋण लेने की सुविधा है जब अंतर-बैंक तरलता पूरी तरह से कम हो जाती है।
इंटरबैंक लेंडिंग के तहत बैंक एक निश्चित अवधि के लिये एक-दूसरे को फंड उधार देते हैं।
बैंक दर: 5.65% – यह वाणिज्यिक बैंकों को धन उधार देने के लिये आरबीआई द्वारा वसूल की जाने वाली दर है।
नकद आरक्षित अनुपात (CRR): 4.50% – CRR के तहत वाणिज्यिक बैंकों को केंद्रीय बैंक के पास एक निश्चित न्यूनतम जमा राशि (NDTL) आरक्षित रखनी होती है।
वैधानिक तरलता अनुपात (SLR): 18.00% – वैधानिक तरलता अनुपात या SLR जमा का न्यूनतम प्रतिशत है जिसे एक वाणिज्यिक बैंक को तरल नकदी, सोना या अन्य प्रतिभूतियों के रूप में बनाए रखना होता है।
16. भारत सरकार द्वारा आदिवासी कल्याण हेतु उठाए कदम:
§ अनामय – इसका उद्देश्य भारत की जनजातीय आबादी की प्रमुख स्वास्थ्य चुनौतियों की समाधान के लिये एक स्थायी, उच्च प्रदर्शन वाली स्वास्थ्य परिवेश का निर्माण करना है।
§ 1000 स्प्रिंग्स पहल – इस पहल का उद्देश्य ग्रामीण भारत के कठिन एवं दुर्गम क्षेत्रों में रह रहे जनजातीय लोगों के लिये सुरक्षित एवं पर्याप्त जलापूर्ति में सुधार करना है
§ प्रधानमंत्री आदि आदर्श ग्राम योजना (पीएमएएजीवाई)
§ ट्राइफेड
§ जनजातीय स्कूलों का डिजिटल परिवर्तन
§ विशेष रूप से कमज़ोर जनजातीय समूहों का विकास
§ प्रधानमंत्री वन धन योजना
§ एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय
17. स्प्रिंग्स (Springs):
§ स्प्रिंग्स मूल रूप से भूजल निर्वहन के प्राकृतिक स्रोत हैं जिनका उपयोग विश्व में पर्वतीय क्षेत्रों के साथ-साथ भारत में भी बड़े पैमाने पर किया जाता रहा है।
§ स्प्रिंग्स वह स्रोत बिंदु है जहाँ किसी जलभृत (Aquifer) से जल निकलकर पृथ्वी की सतह पर बहता है। यह जलमंडल का एक घटक है
18. प्रायद्वीपीय रॉक अगम: (LC)
– प्रायद्वीपीय रॉक अगम (वैज्ञानिक नाम– समोफिलस डॉर्सालिस) एक प्रकार की उद्यान छिपकली है, जिसकी उपस्थिति दक्षिणी भारत में मुख्य रूप से देखी जा सकती है।
भूगोल: यह मुख्य रूप से भारत (एशिया) में पाया जाता है। भारतीय राज्य तमिलनाडु, छत्तीसगढ़, केरल, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, बिहार छिपकली की आबादी की मेजबानी करते हैं।
19. न्यू स्टार्ट संधि:
– नई सामरिक शस्त्र न्यूनीकरण संधि (Strategic Arms Reduction Treaty- START) शीत युद्ध के पूर्व प्रतिद्वंद्वियों के मध्य होने वाली अंतिम शेष हथियार न्यूनीकरण संधि थी, जो रूस और संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा तैनात किये जा सकने वाले परमाणु हथियारों की संख्या को 1,550 तक सीमित करती है। यह संधि 5 फरवरी, 2011 को लागू हुई थी
20. जैव विविधता (संशोधन) विधेयक, 2021
जैव विविधता विधेयक 2021 में किये गये संशोधन
- · भारतीय चिकित्सा प्रणाली को बढ़ावा देना
- · कुछ प्रावधानों को अपराध से मुक्त करना
- · विदेशी निवेश की अनुमति:
- · आयुष चिकित्सकों को छूट
प्रस्तावित संशोधनों के समक्ष प्रमुख चुनौतियाँ:
- · संरक्षण की तुलना में व्यापार को प्राथमिकता:
- · बायो-पायरेसी का खतरा:
- · जैव विविधता प्रबंधन समितियों (BMCs) का हाशिये पर होना
- · स्थानीय समुदाय को दरकिनार करना
21. RBI के सर्वेक्षण और भारतीय अर्थव्यवस्था
RBI द्वारा सर्वेक्षण:
उपभोक्ता विश्वास सर्वेक्षण (CCS):
परिचय: – CCS 19 शहरों के लोगों से उनकी वर्तमान धारणाओं (एक साल पहले की तुलना में) और सामान्य आर्थिक स्थिति, रोज़गार परिदृश्य, समग्र मूल्य स्थिति और आय एवं खर्च पर अग्रिम वर्ष की अपेक्षाओं के बारे में पूछता है।
सूचकांक:
वर्तमान स्थिति सूचकांक (CSI) – जुलाई 2021 में ऐतिहासिक निचले स्तर पर गिरावट के बाद से CSI में सुधार हो रहा है।
भविष्य अपेक्षा सूचकांक (FEI) – FEI सकारात्मक दायरे में है लेकिन अब भी यह महामारी से पहले के स्तर से नीचे है। 100 अंक से नीचे का सूचकांक दर्शाता है कि लोग निराशावादी हैं और 100 से अधिक मूल्य आशावाद को दर्शाता है।
§ मुद्रास्फीति प्रत्याशा सर्वेक्षण (IES)
परिचय: – यह लोगों की मुद्रास्फीति की अपेक्षाओं को ट्रैक करता है।
परिणाम: – मौजूदा अवधि के लिये परिवारों की मुद्रास्फीति की धारणा 80 बीपीएस घटकर 9.3% हो गई है।
§ OBICUS सर्वेक्षण:
परिचय: OBICUS का मतलब ऑर्डर बुक्स, इन्वेंटरी और कैपेसिटी यूटिलाइजेशन सर्वे है।
इसने जनवरी 2022 से मार्च 2022 तक भारत के विनिर्माण क्षेत्र में मांग की स्थिति का एक स्नैपशॉट प्रदान करने के प्रयास में 765 विनिर्माण कंपनियों को कवर किया।
क्षमता उपयोग (CU): – CU के निम्न स्तर का अर्थ है कि विनिर्माण कंपनियाँ उत्पादन को बढ़ाए बिना भी आवश्यक मौज़ूदा मांग को पूरा कर सकती हैं।
इसका रोज़गार सृजन और अर्थव्यवस्था में निजी निवेश की संभावनाओं पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
निष्कर्ष: – CU महामारी से पहले के स्तर से काफी ऊपर है, जिससे पता चलता है कि भारत की कुल मांग में लगातार सुधार हो रहा है।
§ औद्योगिक आउटलुक सर्वेक्षण (IOS): – इस सर्वे में महिला/पुरुष कारोबारियों की भावनाओं को ट्रैक करने की कोशिश की गई है।
सर्वेक्षण में भारतीय विनिर्माण कंपनियों द्वारा कारोबारी माहौल के गुणात्मक मूल्यांकन को शामिल किया गया है।
§ सेवाएँ और आधारभूत संरचना आउटलुक सर्वेक्षण (SIOS): – यह सर्वेक्षण इस बात का गुणात्मक मूल्यांकन करता है कि सेवा और आधारभूत संरचना क्षेत्रों में भारतीय कंपनियाँ वर्तमान स्थिति और भविष्य की संभावनाओं को कैसे देखती हैं।
सेवा क्षेत्र की कंपनियाँ आधारभूत संरचनाा क्षेत्र की कंपनियों की तुलना में कहीं अधिक आशावादी हैं।
§ बैंक ऋण सर्वेक्षण (BLS):
यह मुख्य आर्थिक क्षेत्रों के लिये प्रमुख अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (SCB) के क्रेडिट मापदंडों (ऋण की मांग और ऋण की सेवा- शर्तें) के गुणात्मक मूल्यांकन और अपेक्षाओं (MOOD) को जाँचता है।
§ पेशेवर पूर्वानुमानकर्ताओं का सर्वेक्षण (SPF): – यह चालू वर्ष और अगले वित्तीय वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर और मुद्रास्फीति दर जैसे प्रमुख व्यापक आर्थिक संकेतकों पर 42 पेशेवर पूर्वानुमानकर्ताओं (RBI के बाहर) का सर्वेक्षण है।
22. स्माइल-75 पहल
– स्माइल-75 पहल के अंतर्गत भीख मांगने में लगे लोगों के समग्र पुनर्वास को लागू करने के लिये 75 नगर निगमों की पहचान की है।
कार्यान्वयन मंत्रालय:
o सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय
23. कॉर्बेवैक्स वैक्सीन
– कॉर्बेवैक्स भारत का पहला स्वदेशी रूप से विकसित रिसेप्टर बाइंडिंग डोमेन (RBD) प्रोटीन सब-यूनिट वैक्सीन है, 28 दिन के अंदर इसकी 2 डोज़ लेनी होंगी।
यह एक ’रिकॉम्बिनेंट प्रोटीन सब-यूनिट’ वैक्सीन है। इसका अर्थ है कि यह ‘SARS-CoV-2’ के एक विशिष्ट भाग यानी वायरस की सतह पर मौजूद स्पाइक प्रोटीन से बना है।
24. डिजिटल मुद्रा
– विनियमित या अनियमित मुद्रा जो केवल डिजिटल या इलेक्ट्रॉनिक रूप में उपलब्ध है।
25. आभासी मुद्रा
– एक अनियमित डिजिटल मुद्रा जो उसके विकासकर्त्ता/विकासकर्त्ताओं, उसके संस्थापक संगठन, या उसके परिभाषित नेटवर्क प्रोटोकॉल द्वारा नियंत्रित होती है।
26. क्रिप्टोकरेंसी
– एक आभासी मुद्रा जो लेनदेन को सुरक्षित और सत्यापित करने के साथ-साथ नई मुद्रा इकाइयों के निर्माण को प्रबंधित एवं नियंत्रित करने हेतु क्रिप्टोग्राफी का उपयोग करती है।
27. बटरफ्लाई माइन
– ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय ने यूक्रेन में चल रहे युद्ध के अपने इंटेलिजेंस असेसमेंट में डोनेट्स्क और क्रामाटोर्स्क में रूसी सेना द्वारा PFM-1 शृंखला 'बटरफ्लाई माइन' के संभावित उपयोग को लेकर चिंता व्यक्त की है।
परिचय: यह अत्यंत संवेदनशील एंटी-पर्सनल बारूदी सुरंग है। 5 किलो का एक प्रयुक्त पेलोड, खदान में विस्फोट करने के लिये पर्याप्त है।
उपयोग: इन्हें हेलीकॉप्टरों से या तोपखाने और मोर्टार के गोले का उपयोग करके बैलिस्टिक प्रसार की भाँति गिराया जा सकता है।
ये बिना विस्फोट किये धरातल पर गिरते हैं और धरातल के संपर्क में आने से विस्फोट करते हैं।
इन माइंस का पता लगाना मुश्किल होता है क्योंकि ये प्लास्टिक से बनी होती हैं और इन्हें मेटल डिटेक्टर से नहीं ढूंँढा जा सकता है।
एंटी-पर्सनल माइंस पर कन्वेंशन: लैंड माइंस पर अंतर्राष्ट्रीय कन्वेंशन द्वारा एंटी-पर्सनल माइंस पर प्रतिबंध लगा दिया गया है लेकिन रूस और यूक्रेन इसके हस्ताक्षरकर्त्ता नहीं हैं।
28. लैंग्या वायरस
परिचय: लैंग्या वायरस एक जूनोटिक वायरस है जिसका मतलब है कि यह जानवरों से इंसानों में फैल सकता है। लैंग्या जीनस हेनिपावायरस का हिस्सा है, जिसमें एक सिंगल स्ट्रैंडेड RNA जीनोम एक नकारात्मक अभिविन्यास के साथ है।
29. युवाओं हेतु वैश्विक रोज़गार रुझान: ILO
अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक संगठन
परिचय: यह संयुक्त राष्ट्र की एकमात्र त्रिपक्षीय संस्था है। यह श्रम मानक निर्धारित करने, नीतियाँ को विकसित करने एवं सभी महिलाओं तथा पुरुषों के लिये सभ्य कार्य को बढ़ावा देने वाले कार्यक्रम तैयार करने हेतु 187 सदस्य देशों की सरकारों, नियोक्ताओं और श्रमिकों को एक साथ लाता है।
वर्ष 1969 में अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन को नोबेल शांति पुरस्कार प्रदान किया गया।
स्थापना: – वर्ष 1919 में वर्साय की संधि द्वारा राष्ट्र संघ की एक संबद्ध एजेंसी के रूप में इसकी स्थापना हुई।
वर्ष 1946 में यह संयुक्त राष्ट्र से संबद्ध पहली विशिष्ट एजेंसी बन गया।
§ मुख्यालय: जेनेवा, स्विट्ज़रलैंड
§ रिपोर्ट:
o वर्ल्ड ऑफ वर्क रिपोर्ट
o विश्व रोज़गार और सामाजिक आउटलुक रुझान 2022
o विश्व सामाजिक सुरक्षा रिपोर्ट
o सामाजिक संवाद रिपोर्ट
o वैश्विक मज़दूरी रिपोर्ट
30. राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा जागरूकता मिशन (NIPAM):
परिचय: – इस मिशन का उद्देश्य 10 लाख छात्रों को बौद्धिक संपदा और उसके अधिकारों के बारे में जागरूकता प्रदान करना है।
इसका उद्देश्य उच्च शिक्षा (कक्षा 8 से 12) के छात्रों में रचनात्मकता और नवाचार की भावना का विकास करना तथा कॉलेज/विश्वविद्यालयों के छात्रों को उनके नवाचार की रक्षा करने के लिये प्रेरित करना है।
क्रियान्वयन एजेंसी: – यह कार्यक्रम बौद्धिक संपदा कार्यालय, पेटेंट, डिज़ाइन और व्यापार चिह्न महानियंत्रक कार्यालय (CGPDTM), वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है।
31. बौद्धिक संपदा अधिकार (IPR):
IPR व्यक्तियों को उनके बौद्धिक रचना पर दिये गए अधिकार हैं: इसमें आविष्कार, साहित्यिक, कलात्मक कार्य और वाणिज्य में उपयोग किये जाने वाले प्रतीक, नाम तथा चित्र शामिल होते हैं। ये आमतौर पर निर्माता को एक निश्चित अवधि के लिये उसकी रचना के उपयोग पर एक विशेष अधिकार प्रदान करते हैं।
§ बौद्धिक संपदा अधिकारों के प्रकार:
o कॉपीराइट: साहित्यिक और कलात्मक कार्यों (जैसे किताबें और अन्य लेखन, संगीत रचनाएँ, पेंटिंग, मूर्तिकला, कंप्यूटर प्रोग्राम और फिल्में) के लेखकों के अधिकारों को लेखक की मृत्यु के बाद कम-से-कम 50 साल की अवधि के लिये कॉपीराइट द्वारा संरक्षित किया जाता है।
o औद्योगिक संपदा:
· विशिष्ट चिह्नों का संरक्षण, विशेष रूप से ट्रेडमार्क और भौगोलिक संकेतों में:
o ट्रेडमार्क
o भौगोलिक संकेत (GI)
औद्योगिक डिज़ाइन और व्यापार रहस्य: (Trade Secret) – अन्य प्रकार की औद्योगिक संपत्ति को मुख्य रूप से नवाचार, डिज़ाइन और प्रौद्योगिकी के निर्माण को प्रोत्साहित करने के लिये संरक्षित किया जाता है।
§ IPR की आवश्यकता:
o नवाचार को प्रोत्साहित करना:
o आर्थिक वृद्धि:
o रचनाकारों के अधिकारों की सुरक्षा:
o ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस:
o प्रौद्योगिकी का हस्तांतरण: