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Daily Current affairs 20 Aug 2022 UPSC 2023 , Short Notes

Daily Current affairs 20 Aug 2022 UPSC 2023 , Short Notes


20 Aug 2022

 

 

1. स्नेलफिश 

स्नेलफिश नाम लिपारिडे/ENG फैमिली में पाई जाने वाली 400 से अधिक प्रजातियों में से किसी को भी संदर्भित कर सकता है।

कभी-कभी उन्हें समुद्री घोंघे भी कहा जाता है, गैस्ट्रोपॉड समुद्री घोंघे (जो जानवर हैं) इनसे अलग हैं।

स्नेलफिश बायोफ्लोरेसेंस छोड़ती है, जिससे यह गहरे आर्कटिक जल में हरे और लाल रंग के रूप में चमकती हुई प्रतीत होती है।

 

2. भारतीय सेना के लिये नई रक्षा प्रणाली

हाल ही में, रक्षा मंत्रालय ने सेना की आधुनिकीकरण योजनाओं के एक भाग के रूप में भारतीय सेना को एफ-इंसास, निपुण माइंस, लैंडिंग क्राफ्ट असॉल्ट (LCA) सहित कई नई रक्षा प्रणालियाँ सौंपी हैं।

एफ-इंसास (F-INSAS) प्रणाली:

F-INSAS का अर्थ फ्यूचर इन्फैंट्री सोल्जर एज ए सिस्टम (एक प्रणाली के रूप में भविष्य  के सैनिक) है।

यह पैदल सेना के आधुनिकीकरण का एक कार्यक्रम है, जिसका उद्देश्य सैनिक की परिचालन क्षमता को बढ़ाना है।

इस परियोजना के तहत, सैनिकों को आधुनिक प्रणालियों से लैस किया जा रहा है जो हल्के, हर मौसम में सभी इलाकों में, लागत प्रभावी और कम रख-रखाव वाली हैं।

ये रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) और आयुध कारखानों के पारिस्थितिकी तंत्र सहित भारतीय संस्थाओं द्वारा स्वदेशी रूप से डिज़ाइन किये गए हैं।

निपुण माइंस:निपुण माइंस स्वदेशी रूप से डिज़ाइन और विकसित की गई एंटी-पर्सनल माइंस हैं, जिन्हें DRDO ने 'सॉफ्ट टारगेट ब्लास्ट मूनिशन' कहा है।

एंटी-पर्सनल माइंस का इस्तेमाल इंसानों के खिलाफ किया जाता है, जबकि एंटी-टैंक माइंस का इस्तेमाल भारी वाहनों के लिये किया जाता है।

लैंडिंग क्राफ्ट असॉल्ट (एलसीए): लैंडिंग क्राफ्ट असॉल्ट (LCA) पैंगोंग त्सो झील में वर्तमान में उपयोग की जाने वाली सीमित क्षमताओं वाली नावों के प्रतिस्थापन के रूप में काम करने के लिये है।

इसने पूर्वी लद्दाख में पानी की बाधाओं को पार करने की क्षमता को बढ़ाया है।

 

3. तिलपिया जलीय कृषि परियोजना: मत्स्यपालन

प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना प्रधान मंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY) योजना की घोषणा सितंबर 2020 में तकनीकी रूप से उन्नत मछली पकड़ने के जहाज़ों, पारंपरिक मछुआरों हेतु गहरे समुद्र में मछली पकड़ने के जहाज़ों, नावों और जालों के अधिग्रहण के लिये वित्तीय सहायता प्रदान करने हेतु की गई थी।

इसमें लगभग 9% की औसत वार्षिक वृद्धि दर पर वर्ष 2024-25 तक मछली उत्पादन को 220 लाख मीट्रिक टन तक बढ़ाने की परिकल्पना की गई है।

तिलपिया तिलपिया, जिसे जलीय चिकन भी कहा जाता है, दुनिया में सबसे अधिक उत्पादक और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर व्यापारित मछली खाद्य पदार्थों में से एक बन गया है।

 

भारत में मत्स्य पालन की स्थिति:

o    मत्स्य पालन प्राथमिक उत्पादक क्षेत्रों में सबसे तेज़ी से बढ़ते क्षेत्रों में से एक है।

o    भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मछली उत्पादक देश है, जो वैश्विक उत्पादन का 7.56% हिस्सा है और देश के सकल मूल्य वर्धित (GVA) में लगभग 1.24% और कृषि GVA में 7.28% से अधिक का योगदान देता है।

o    भारत दुनिया में मछली का चौथा सबसे बड़ा निर्यातक है क्योंकि यह वैश्विक मछली उत्पादन में 7.7% का योगदान देता है।

o    यह क्षेत्र देश के आर्थिक और समग्र विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जिसे "सनराइज सेक्टर" भी कहा जाता है, यह समान और समावेशी विकास के माध्यम से अपार क्षमता वाला क्षेत्र है।

o    इस क्षेत्र को 5 मिलियन लोगों को रोज़गार प्रदान करने और देश के 28 मिलियन मछुआरा समुदाय के लिये आजीविका को बनाए रखने के लिये एक शक्तिशाली कारक के रूप में मान्यता प्राप्त है।

मत्स्य पालन के लिये सरकार की पहल:

§  मत्‍स्‍य पालन एवं जलीय कृषि अवसंरचना विकास कोष

§  नीली क्रांति

§  किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) का विस्तार

§  समुद्री उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण

§  समुद्री शैवाल पार्क।

 

 

4. उड़ान योजना के 5 वर्ष

उड़े देश का आम नागरिक (उड़ान) योजना को वर्ष 2016 में नागरिक उड्डयन मंत्रालय के तहत एक क्षेत्रीय कनेक्टिविटी योजना (आरसीएस) के रूप में शुरू किया गया था।

अब तक की उपलब्धियाँ:

वर्ष 2014 में 74 परिचालन हवाईअड्डे थे जो अब तक बढ़कर 141 हो गए हैं।

उड़ान योजना के तहत 58 हवाईअड्डे8 हेलीपोर्ट और 2 वाटर एयरोड्रोम सहित 68 अंडरसर्व्ड/असेवित गंतव्यों को जोड़ा गया है।

उड़ान ने 425 नए मार्गों की शुरुआत के साथ देश भर में 29 से अधिक राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों को हवाई संपर्क प्रदान किया है।

4 अगस्त, 2022 तक एक करोड़ से अधिक यात्रियों ने इस योजना का लाभ उठाया है।


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