Weekly Current Affairs | 14th August 2022 to 20th August 2022 | UPSC CSE 2023 | Hindi Medium | Short Notes
1. क्रोनिक फेटीग सिंड्रोम
– यह गंभीर और दुर्बल करने वाली बीमारी है जो तंत्रिका तंत्र, प्रतिरक्षा प्रणाली तथा शरीर के ऊर्जा उत्पादन तंत्र को प्रभावित करती है। इसे "मायल्जिक एन्सेफेलोमाइलाइटिस" के रूप में भी जाना जाता है। इसके संभावित परिणाम वायरल या बैक्टीरियल संक्रमण, हार्मोनल असंतुलन और आनुवंशिक दोष हैं।
2. नए रामसर स्थल
– भारत की 11 नई आर्द्रभूमियों को रामसर स्थल या अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की आर्द्रभूमियों में शामिल किया गया है, इसके बाद अब देश में रामसर स्थलों की संख्या 75 हो गई।
तमिलनाडु में रामसर स्थलों की संख्या (14) अधिकतम है, उसके बाद उत्तर प्रदेश (10) का स्थान आता है।
तम्पारा झील | ओडिशा |
हीराकुंड जलाशय | ओडिशा |
अंसुपा झील | ओडिशा |
यशवंत सागर | मध्य प्रदेश |
चित्रानुडी पक्षी अभयारण्य | तमिलनाडु |
सुचिन्द्रम थेरूर आर्द्रभूमि परिसर | तमिलनाडु |
वदुवुर पक्षी अभयारण्य | तमिलनाडु |
कांजीरनकुलम पक्षी अभयारण्य | तमिलनाडु |
ठाणे क्रीक | महाराष्ट्र |
हाइगम आर्द्रभूमि संरक्षण रिज़र्व | जम्मू और कश्मीर |
शालबुग वेटलैंड कंजर्वेशन रिज़र्व | जम्मू और कश्मीर |
3. हाथ से मैला ढोने की समस्या से निपटने हेतु उठाए गए कदम: (GS – 2 ) (Mains ke liye)
मैनुअल स्कैवेंजर्स के रूप में रोज़गार का निषेध और उनका पुनर्वास (संशोधन) विधेयक, 2020: इसमें सीवर की सफाई को पूरी तरह से मशीनीकृत करने, 'ऑन-साइट' सुरक्षा के तरीके पेश करने और सीवर से होने वाली मौतों के मामले में मैला ढोने वालों को मुआवज़ा प्रदान करने का प्रस्ताव है।
- मैनुअल स्कैवेंजर्स के नियोजन का प्रतिषेध और उनका पुनर्वास अधिनियम, 2013 :
- अस्वच्छ शौचालयों का निर्माण और रखरखाव अधिनियम 2013: यह अस्वच्छ शौचालयों के निर्माण या रख-रखाव, और किसी को भी अपने हाथ से मैला ढोने के लिये काम पर रखने के साथ-साथ सीवरों और सेप्टिक टैंकों की खतरनाक सफाई को गैर-कानूनी घोषित करता है।
- अत्याचार निवारण अधिनियम
- सफाईमित्र सुरक्षा चुनौती:
- 'स्वच्छता अभियान ऐप':
- सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय: वर्ष 2014 में सर्वोच्च न्यायालय के एक आदेश ने सरकार के लिये उन सभी लोगों की पहचान करना अनिवार्य कर दिया था, जो वर्ष 1993 से सीवेज के काम में मारे गए थे और प्रत्येक व्यक्ति के परिवार को मुआवज़े के रूप में 10 लाख रुपए दिये जाने का भी आदेश दिया गया था।
4. इटली की गार्डा झील
– इटली के सबसे भीषण सूखे के कारण देश की सबसे बड़ी गार्डा झील दशकों में अब तक के सबसे कम जल स्तर तक पहुँच गई है। इसके परिणामस्वरूप जल के नीचे की चट्टानें दिखने लगी और जल का तापमान कैरेबियन सागर के औसत तापमान तक गर्म हो गया।
गार्डा झील – उत्तरी इटली ने महीनों तक काफी कम वर्षा हुई और वर्ष 2022 में हिमपात भी 70% कम हुआ है, जिससे पो जैसी महत्त्वपूर्ण नदियाँ सूख गईं, जो इटली के कृषि और औद्योगिक क्षेत्र में बहती हैं।
इटली की सबसे लंबी नदी पो की सूखी हुई स्थिति से उन किसानों को अरबों यूरो का नुकसान हुआ, जो आम तौर पर खेतों और धान की सिंचाई के लिये इस पर निर्भर रहते हैं।
5. तमिलनाडु में नया हाथी रिज़र्व
– हाल ही में भारत सरकार ने केरल में पेरियार वन्यजीव अभयारण्य में एक कार्यक्रम के दौरान तमिलनाडु में एक और हाथी रिज़र्व (ER) अगस्त्यमलाई की अधिसूचना की घोषणा की है।
नगालैंड में सिंगफन ER वर्ष 2018 में अधिसूचित होने के बाद यह देश का 32वाँ हाथी रिज़र्व होगा।
अगस्त्यमलाई तमिलनाडु का 5वाँ हाथी रिज़र्व और बायोस्फीयर रिज़र्व भी है।
कर्नाटक में हाथियों की संख्या सबसे अधिक (6,049) थी, उसके बाद असम (5,719) और केरल (3,054) का स्थान आता है।
6.महानदी
महानदी की प्रमुख विशेषताएँ:
महानदी प्रणाली ओडिशा राज्य की सबसे बड़ी नदी और प्रायद्वीपीय भारत की तीसरी सबसे बड़ी (गोदावरी और कृष्णा नदी के बाद) नदी है।
इस नदी का जलग्रहण क्षेत्र छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, ओडिशा, झारखंड और महाराष्ट्र तक विस्तारित है।
इसका बेसिन उत्तर में मध्य भारत की पहाड़ियों, दक्षिण और पूर्व में पूर्वी घाट तथा पश्चिम में मैकाल पर्वतमाला से घिरा है।
उद्गम: – यह नदी अमरकंटक के दक्षिण में छत्तीसगढ़ राज्य के बस्तर की पहाड़ियों में सिहावा के पास से निकलती है।
महानदी की प्रमुख सहायक नदियाँ: – शिवनाथ, हसदेव, मांड और ईब महानदी की बाईं जबकि ओंग, तेल और जोंक इसकी दाईं सहायक नदियाँ हैं।
7. भारत के स्वतंत्रता संग्राम की महिला नायक (GS-1)
रानी लक्ष्मीबाई – झाँसी रियासत की रानी, रानी लक्ष्मीबाई को वर्ष 1857 में भारत की स्वतंत्रता के पहले युद्ध में उनकी भूमिका के लिये जाना जाता है।
अपने क्षेत्र को सौंपने से इनकार करते हुए रानी ने उत्तराधिकारी की ओर से शासन करने का फैसला किया और बाद में वर्ष 1857 में अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह में शामिल हो गई।
उसने तात्या टोपे और नाना साहब की मदद से ग्वालियर के किले पर विजय प्राप्त की।
अंग्रेजों के घेरे में आकर वह झाँसी के किले से भाग निकली। वह ग्वालियर के फूल बाग के पास लड़ाई में घायल हो गई थी, जहाँ बाद में उसकी मौत हो गई।
झलकारी बाई–रानी लक्ष्मीबाई की महिला सेना में एक सैनिक, दुर्गा दल, रानी के सबसे भरोसेमंद सलाहकारों में से एक बन गया।
वह रानी को खतरे से बचाने के लिये अपनी जान जोखिम में डालने हेतु जानी जाती है।
दुर्गा भाभी – दुर्गावती देवी, जिन्हें दुर्गा भाभी के नाम से जाना जाता था, एक क्रांतिकारी थीं, जो औपनिवेशिक शासन के खिलाफ सशस्त्र संघर्ष में शामिल हुईं।
ये नौजवान भारत सभा की सदस्या भी थीं तथा इन्होंने वर्ष 1928 में ब्रिटिश पुलिस अधिकारी जॉन पी. सॉन्डर्स की हत्या के बाद भगत सिंह को लाहौर से भेष बदलकर भागने में मदद की।
भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव की फाँसी का बदला लेने के लिये, इन्होंने पंजाब के पूर्व राज्यपाल लॉर्ड हैली की हत्या करने का प्रयास किया जिसमें ये असफल रहीं।
रानी गैदिनल्यू वर्ष – 1915 में वर्तमान मणिपुर में जन्मी रानी गैदिनल्यू एक आध्यात्मिक नगा और राजनीतिक नेता थीं, जिन्होंने अंग्रेजों से लड़ाई लड़ी थी।
वह हेरका धार्मिक आंदोलन में शामिल हो गईं जो बाद में अंग्रेजों को देश से बाहर निकालने वाला एक आंदोलन बन गया।
वह वर्ष 1947 में जेल से रिहा हुई थीं तथा तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने गैदिनल्यू को "पहाड़ियों की बेटी" के रूप में वर्णित किया, और उनके साहस के लिये उन्हें 'रानी' की उपाधि दी।
बेगम हज़रत महल – इनके पति एवं अवध के नवाब वाज़िद अली शाह को वर्ष 1857 के विद्रोह के बाद निर्वासित कर दिया गया था, बेगम हज़रत महल ने अपने समर्थकों के साथ अंग्रेजों को भगाकर अवध पर नियंत्रण स्थापित कर लिया था
8. आजादी के बाद से भारत की उपलब्धियाँ: (GS-3)
सकल घरेलू उत्पाद (GDP) – भारत की GDP वर्ष 1950-51 में 2.79 लाख करोड़ रुपए से बढ़कर वर्ष 2021-22 में अनुमानित 147.36 लाख करोड़ रुपए हो गई।
विदेशी मुद्रा: – भारत का विदेशी मुद्रा भंडार वर्ष 1950-51 में 911 करोड़ रुपए से बढ़कर वर्ष 2022 में 45,42,615 करोड़ रुपए हो गया है।
अब भारत के पास दुनिया का पाँचवाँ सबसे बड़ा विदेशी मुद्रा भंडार है।
खाद्य उत्पादन: – भारत का खाद्यान्न उत्पादन 1950-51 में 50.8 मिलियन टन से बढ़कर अब 316.06 मिलियन टन हो गया है।
साक्षरता दर: – साक्षरता दर भी वर्ष 1951 में 18.3% से बढ़कर 78% हो गई है। महिला साक्षरता दर 8.9% से बढ़कर 70% से अधिक हो गई है।
9. नीति आयोग:
– योजना आयोग को 1 जनवरी, 2015 को एक नए संस्थान नीति आयोग द्वारा प्रतिस्थापित किया गया था, जिसमें 'सहकारी संघवाद' की भावना को प्रतिध्वनित करते हुए ‘अधिकतम शासन, न्यूनतम सरकार’ की परिकल्पना के लिये 'बॉटम-अप' दृष्टिकोण पर ज़ोर दिया गया था।
§ इसमें दो हब हैं:
o टीम इंडिया हब- राज्यों और केंद्र के बीच इंटरफेस का काम करता है।
o ज्ञान और नवोन्मेष हब- नीति आयोग के थिंक-टैंक के रूप में कार्य करता है।
10. गोदावरी नदी
गोदावरी नदी से संबंधित प्रमुख तथ्य:
गोदावरी सबसे बड़ी प्रायद्वीपीय नदी प्रणाली है। इसे दक्षिण गंगा भी कहते हैं।
इसका बेसिन उत्तर में सतमाला पहाड़ियों, दक्षिण में अजंता श्रेणी और महादेव पहाड़ियों, पूर्व में पूर्वी घाट और पश्चिम में पश्चिमी घाट से घिरा हुआ है।
उद्गम: – गोदावरी नदी महाराष्ट्र में नासिक के पास त्र्यंबकेश्वर से निकलती है और बंगाल की खाड़ी में गिरने से पहले लगभग 1465 किमी. की दूरी तय करती है।
अपवाह तंत्र: – गोदावरी बेसिन महाराष्ट्र, तेलंगाना, आंध्रप्रदेश, छत्तीसगढ़ और ओडिशा राज्यों के अलावा मध्य प्रदेश, कर्नाटक तथा पुद्दुचेरी के मध्य क्षेत्र के छोटे हिस्सों में फैला हुआ है।
सहायक नदियाँ: – प्रवरा, पूर्णा, मंजरा, पेनगंगा, वर्धा, वैनगंगा, प्राणहिता (वेनगंगा, पेनगंगा, वर्धा का संयुक्त प्रवाह), इंद्रावती, मनेर और सबरी।
प्रवर, मंजरा और मनेर दाहिने तट की सहायक नदियाँ हैं।
पूर्णा, प्राणहिता, इंद्रावती और सबरी महत्वपूर्ण बाएँ किनारे की सहायक नदियाँ हैंं।
सांस्कृतिक महत्त्व: – नासिक में गोदावरी नदी के तट पर भी कुंभ मेला लगता है।
कुंभ उज्जैन में शिप्रा नदी, हरिद्वार में गंगा और प्रयाग में गंगा, यमुना और पौराणिक सरस्वती नदी का संगम पर लगता है।
गोदावरी पर महत्त्वपूर्ण परियोजनाएँ:
- 1. पोलावरम् सिंचाई परियोजना।
- 2. कालेश्वरम।
- 3. सदरमत अनिकुट
- 4. इंचमपल्ली परियोजना
- 5. श्रीराम सागर परियोजना (SRSP):
11. गोवा वर्ष 2020 में हर घर जल प्रमाणित देश का पहला राज्य बन गया था, जबकि हाल ही में दादरा और नगर हवेली तथा दमन और दीव को हर घर जल प्रमाणित देश का पहला केंद्रशासित प्रदेश घोषित किया गया है।
12. वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिये भारत द्वारा की गई पहल: (GS- 3)
§ वायु गुणवत्ता और मौसम पूर्वानुमान तथा अनुसंधान प्रणाली
§ बेहतर वायु गुणवत्ता
§ ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP)
§ BS-VI वाहन
§ इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) पर जोर
§ वाहनों के प्रदूषण को कम करने के लिये एक आपातकालीन उपाय के रूप में ऑड-ईवन नीति।
§ वायु गुणवत्ता प्रबंधन हेतु नवीन आयोग
§ टर्बो हैप्पी सीडर (THS) मशीन
13. साइबर सुरक्षा के लिये सरकार की पहल: (GS- 3)
§ साइबर सुरक्षित भारत पहल
§ साइबर स्वच्छता केंद्र
§ ऑनलाइन साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल
§ भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C)
§ राष्ट्रीय महत्त्वपूर्ण सूचना अवसंरचना संरक्षण केंद्र (NCIIPC)
§ सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000
§ राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा रणनीति 2020
14. स्नेलफिश
– स्नेलफिश नाम लिपारिडे/ENG फैमिली में पाई जाने वाली 400 से अधिक प्रजातियों में से किसी को भी संदर्भित कर सकता है।
कभी-कभी उन्हें समुद्री घोंघे भी कहा जाता है, गैस्ट्रोपॉड समुद्री घोंघे (जो जानवर हैं) इनसे अलग हैं।
स्नेलफिश बायोफ्लोरेसेंस छोड़ती है, जिससे यह गहरे आर्कटिक जल में हरे और लाल रंग के रूप में चमकती हुई प्रतीत होती है।
15. भारतीय सेना के लिये नई रक्षा प्रणाली
– हाल ही में, रक्षा मंत्रालय ने सेना की आधुनिकीकरण योजनाओं के एक भाग के रूप में भारतीय सेना को एफ-इंसास, निपुण माइंस, लैंडिंग क्राफ्ट असॉल्ट (LCA) सहित कई नई रक्षा प्रणालियाँ सौंपी हैं।
एफ-इंसास (F-INSAS) प्रणाली:
F-INSAS का अर्थ फ्यूचर इन्फैंट्री सोल्जर एज ए सिस्टम (एक प्रणाली के रूप में भविष्य के सैनिक) है।
यह पैदल सेना के आधुनिकीकरण का एक कार्यक्रम है, जिसका उद्देश्य सैनिक की परिचालन क्षमता को बढ़ाना है।
इस परियोजना के तहत, सैनिकों को आधुनिक प्रणालियों से लैस किया जा रहा है जो हल्के, हर मौसम में सभी इलाकों में, लागत प्रभावी और कम रख-रखाव वाली हैं।
ये रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) और आयुध कारखानों के पारिस्थितिकी तंत्र सहित भारतीय संस्थाओं द्वारा स्वदेशी रूप से डिज़ाइन किये गए हैं।
निपुण माइंस: – निपुण माइंस स्वदेशी रूप से डिज़ाइन और विकसित की गई एंटी-पर्सनल माइंस हैं, जिन्हें DRDO ने 'सॉफ्ट टारगेट ब्लास्ट मूनिशन' कहा है।
एंटी-पर्सनल माइंस का इस्तेमाल इंसानों के खिलाफ किया जाता है, जबकि एंटी-टैंक माइंस का इस्तेमाल भारी वाहनों के लिये किया जाता है।
लैंडिंग क्राफ्ट असॉल्ट (एलसीए): लैंडिंग क्राफ्ट असॉल्ट (LCA) पैंगोंग त्सो झील में वर्तमान में उपयोग की जाने वाली सीमित क्षमताओं वाली नावों के प्रतिस्थापन के रूप में काम करने के लिये है।
इसने पूर्वी लद्दाख में पानी की बाधाओं को पार करने की क्षमता को बढ़ाया है।
16. तिलपिया जलीय कृषि परियोजना: मत्स्यपालन
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना – प्रधान मंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY) योजना की घोषणा सितंबर 2020 में तकनीकी रूप से उन्नत मछली पकड़ने के जहाज़ों, पारंपरिक मछुआरों हेतु गहरे समुद्र में मछली पकड़ने के जहाज़ों, नावों और जालों के अधिग्रहण के लिये वित्तीय सहायता प्रदान करने हेतु की गई थी।
इसमें लगभग 9% की औसत वार्षिक वृद्धि दर पर वर्ष 2024-25 तक मछली उत्पादन को 220 लाख मीट्रिक टन तक बढ़ाने की परिकल्पना की गई है।
तिलपिया – तिलपिया, जिसे जलीय चिकन भी कहा जाता है, दुनिया में सबसे अधिक उत्पादक और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर व्यापारित मछली खाद्य पदार्थों में से एक बन गया है।
भारत में मत्स्य पालन की स्थिति:
o मत्स्य पालन प्राथमिक उत्पादक क्षेत्रों में सबसे तेज़ी से बढ़ते क्षेत्रों में से एक है।
o भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मछली उत्पादक देश है, जो वैश्विक उत्पादन का 7.56% हिस्सा है और देश के सकल मूल्य वर्धित (GVA) में लगभग 1.24% और कृषि GVA में 7.28% से अधिक का योगदान देता है।
o भारत दुनिया में मछली का चौथा सबसे बड़ा निर्यातक है क्योंकि यह वैश्विक मछली उत्पादन में 7.7% का योगदान देता है।
o यह क्षेत्र देश के आर्थिक और समग्र विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जिसे "सनराइज सेक्टर" भी कहा जाता है, यह समान और समावेशी विकास के माध्यम से अपार क्षमता वाला क्षेत्र है।
o इस क्षेत्र को 5 मिलियन लोगों को रोज़गार प्रदान करने और देश के 28 मिलियन मछुआरा समुदाय के लिये आजीविका को बनाए रखने के लिये एक शक्तिशाली कारक के रूप में मान्यता प्राप्त है।
मत्स्य पालन के लिये सरकार की पहल:
§ मत्स्य पालन एवं जलीय कृषि अवसंरचना विकास कोष
§ नीली क्रांति
§ किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) का विस्तार
§ समुद्री उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण
§ समुद्री शैवाल पार्क।
17. उड़ान योजना के 5 वर्ष
– उड़े देश का आम नागरिक (उड़ान) योजना को वर्ष 2016 में नागरिक उड्डयन मंत्रालय के तहत एक क्षेत्रीय कनेक्टिविटी योजना (आरसीएस) के रूप में शुरू किया गया था।
अब तक की उपलब्धियाँ:
वर्ष 2014 में 74 परिचालन हवाईअड्डे थे जो अब तक बढ़कर 141 हो गए हैं।
उड़ान योजना के तहत 58 हवाईअड्डे, 8 हेलीपोर्ट और 2 वाटर एयरोड्रोम सहित 68 अंडरसर्व्ड/असेवित गंतव्यों को जोड़ा गया है।
उड़ान ने 425 नए मार्गों की शुरुआत के साथ देश भर में 29 से अधिक राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों को हवाई संपर्क प्रदान किया है।
4 अगस्त, 2022 तक एक करोड़ से अधिक यात्रियों ने इस योजना का लाभ उठाया है।