Daily Current affairs 22 Aug 2022 UPSC 2023 , Short Notes
22 Aug 2022
1. अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र:
– अंतरिक्ष
अनुप्रयोग केंद्र भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) का
एक प्रमुख अनुसंधान
एवं विकास केंद्र है।
यह अहमदाबाद में स्थित है और बहु-विषयक गतिविधियाँ करता
है।
केंद्र
की मुख्य क्षमता अंतरिक्ष-जनित
और वायु-जनित उपकरणों / पेलोड के
विकास तथा राष्ट्रीय विकास एवं सामाजिक लाभ के लिये उनके अनुप्रयोगों में निहित
है।
2. सूखा सहिष्णु फसल
– हाल ही में, एक अध्ययन में यह उल्लेख किया गया है कि "पोर्टुलाका
ओलेरेशिया" (Portulaca Oleracea) नामक एक सामान्य खरपतवार जिसे आमतौर पर पर्सलेन (कुल्फा) के रूप में जाना
जाता है, जलवायु परिवर्तन से घिरे विश्व में सूखा-सहिष्णु फसलों के उत्पादन के बारे में महत्त्वपूर्ण जानकारी प्रदान करता है।
पर्सलेन (कुल्फा)
– पर्सलेन (कुल्फा) में विकासवादी अनुकूलन हैं जो इसे
अत्यधिक उत्पादक और सूखा सहिष्णु बनाता है। यह अधिकतर वार्षिक खरपतवार है, लेकिन यह उष्णकटिबंधों में बारहमासी हो सकता है।
3. पर एंड पॉलीफ्लोरोअल्काइल सबस्टेंस (PFAs):
– वे
मानव निर्मित रसायन हैं जिनका उपयोग नॉनस्टिक
कुकवेयर, जल-विकर्षक
कपड़े, दाग-प्रतिरोधी
कपड़े, सौंदर्य
प्रसाधन, अग्निशामक
रूपों और
कई अन्य उत्पादों को बनाने के लिये किया जाता है जो ग्रीस, जल तथा तेल का प्रतिरोध करते हैं।
वे अपने उत्पादन और उपयोग के
दौरान मृदा, जल एवं हवा में प्रवेश कर सकते हैं।
4. मिथिला मखाना हेतु GI टैग
– मिथिला मखाना या
माखन (वानस्पतिक नाम: यूरीले फेरोक्स सालिसब) बिहार और नेपाल के मिथिला क्षेत्र
में उगाया जाने वाला एक विशेष किस्म का मखाना है।
मखाना मिथिला की तीन प्रतिष्ठित सांस्कृतिक
पहचानों में से एक है। –पान, माखन और मच्छ (मछली) मिथिला की तीन प्रतिष्ठित
सांस्कृतिक पहचान हैं।
जून 2022
में, चेन्नई में भौगोलिक
संकेत (GI)
रजिस्ट्री ने नालंदा की 'बावन बूटी' साड़ी, गया की 'पत्थरकट्टी पत्थर शिल्प' और हाजीपुर की 'चिनिया' किस्म के केले को GI टैग प्रदान करने के
प्रारंभिक प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया।
5. हंगर स्टोन्स
– हाल ही में यूरोप भयानक सूखे से ग्रस्त था, इसलिये
वहाँ की नदियाँ सूख गई और हंगर स्टोन्स तल से ऊपर उदित हुए
हैं।परिचय:
वे मध्य यूरोप में सामान्य ‘हाइड्रोलॉजिकल मार्कर’ हैं और ‘प्री-इंस्ट्रुमेंटल’ युग के हैं।
वे आज की पीढ़ी को पहले की भीषण पानी की कमी की याद
दिलाते हैं।
आमतौर जब नदियाँ गंभीर स्तर पर आ गईं और उसके बाद अकाल और भोजन की कमी हो गई तब यूरोप में पूर्वजों
द्वारा हंगर स्टोंस को नदियों में समाहित किया गया था।
6. दही हांडी को खेल का दर्जा
– हाल ही में दही
हांडी को महाराष्ट्र
में खेल का दर्जा दिया गया है। इसे एक तरह का एडवेंचर स्पोर्ट्स माना जाएगा।
7. CPEC
प्राधिकरण
चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (CPEC) प्राधिकरण वर्ष 2019 में अध्यादेश के माध्यम से स्थापित किया गया था।
इसका उद्देश्य CPEC से संबंधित गतिविधियों को तेज़ करना, विकास के नए चालकों को खोजना, क्षेत्रीय और वैश्विक कनेक्टिविटी
के माध्यम से परस्पर जुड़े उत्पादन नेटवर्क एवं वैश्विक मूल्य शृंखलाओं की
संभावनाओं को खोजना था।
CPEC चीन
के उत्तर-पश्चिमी झिंजियांग उइगुर स्वायत्त क्षेत्र और पाकिस्तान के
पश्चिमी प्रांत बलूचिस्तान में ग्वादर बंदरगाह को जोड़ने वाली बुनियादी ढाँचा
परियोजनाओं का 3,000 किलोमीटर
लंबा मार्ग है।
यह पाकिस्तान और चीन के बीच एक
द्विपक्षीय परियोजना है,
CPEC, बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) का एक हिस्सा है।
वर्ष 2013
में शुरू किये गए ‘बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव’ का उद्देश्य दक्षिण-पूर्व एशिया, मध्य एशिया, खाड़ी क्षेत्र, अफ्रीका और यूरोप को भूमि एवं समुद्री मार्गों
के नेटवर्क से जोड़ना है।
8. भारत की पहली स्वदेशी रूप से विकसित HFC बस
– हाल ही में केंद्रीय विज्ञान और
प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री ने भारत की पहली हाइड्रोजन ईंधन सेल (HFC) बस का शुभारंभ किया।
एपॉक्सी रेजिन, पॉली कार्बोनेट और अन्य
इंजीनियरिंग प्लास्टिक के उत्पादन के
लिये एक महत्त्वपूर्ण फीडस्टॉक CSIR-राष्ट्रीय
रासायनिक प्रयोगशाला (एनसीएल) में बिस्फेनॉल-एक
पायलट संयंत्र का भी उद्घाटन किया गया।
हाइड्रोजन ईंधन सेल (HFC): – हाइड्रोजन ईंधन सेल एक विद्युत रासायनिक उपकरण है जो हाइड्रोजन को विद्युत ऊर्जा
में परिवर्तित करता है।
ईंधन सेल इलेक्ट्रिक वाहनों में
पाई जाने वाली पारंपरिक बैटरियों की तरह ही काम करते हैं, लेकिन वे डिस्चार्ज नहीं होते हैं और उन्हें बिजली
से रिचार्ज करने की आवश्यकता नहीं होती है।
जब तक हाइड्रोजन की उपलब्धता रहती
है, तब
तक वे बिजली का उत्पादन जारी रखते हैं।
सबसे सफल ईंधन सेल में से एक पानी बनाने के लिये ऑक्सीजन के साथ हाइड्रोजन की
प्रतिक्रिया का उपयोग करता है।
9. भारत सरकार का अन्य तरीकों से स्वच्छ ईंधन संक्रमण को बढ़ावा
देना:
§ हाइड्रोजन
ईंधन सेल इलेक्ट्रिक वाहनों (FCEV)
हेतु एनटीपीसी की परियोजना
§ फेम
इंडिया स्कीम
o
फास्टर एडॉप्शन एंड
मैन्युफैक्चरिंग ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (फेम II) योजना।
§ ग्रीन
हाइड्रोजन ईंधन सेल इलेक्ट्रिक वाहन (एफसीईवी) टोयोटा मिराई
§ EV30@30 अभियान
§ 2025 तक भारत में इथेनॉल सम्मिश्रण के
लिये रोडमैप
§ जैव
ईंधन पर राष्ट्रीय नीति, 2018 में
संशोधन