Daily Current affairs 4 Aug 2022 UPSC , Short Notes
4th Aug 2022
1. अटल इनक्यूबेशन केंद्र:
AIC
भारत में स्टार्ट-अप और उद्यमियों के लिये एक सहायक
पारिस्थितिकी तंत्र बनाते हुए नवाचार और उद्यमशीलता की भावना को बढ़ावा देने के
लिये AIM और
नीति आयोग की
एक पहल है।
अटल इनोवेशन मिशन (AIM): AIM देश
में नवाचार और उद्यमिता की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिये भारत सरकार द्वारा की
गई प्रमुख पहल है।
प्रमुख पहलें:
अटल टिंकरिंग लैब: भारतीय
स्कूलों में समस्या समाधान मानसिकता विकसित करना।
अटल न्यू इंडिया चैलेंज: उत्पाद नवाचारों को बढ़ावा देना
और उन्हें विभिन्न क्षेत्रों/मंत्रालयों की ज़रूरतों के अनुरूप बनाना।
मेंटर इंडिया अभियान: मिशन की सभी पहलों का समर्थन करने
के लिये सार्वजनिक क्षेत्र, कॉरपोरेट्स
और संस्थानों के सहयोग से निर्मित एक राष्ट्रीय मेंटर नेटवर्क।
लघु उद्यमों हेतु अटल अनुसंधान और
नवाचार (ARISE): सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों में नवाचार एवं अनुसंधान को
प्रोत्साहित करना।
2. आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (ABDM)
उद्देश्य: अत्याधुनिक
डिजिटल स्वास्थ्य प्रणाली स्थापित करना, कोर डिजिटल स्वास्थ्य डेटा का
प्रबंधन करना और इसके निर्बाध आदान-प्रदान के लिये आवश्यक
बुनियादी ढाँचा तैयार करना।
एबीडीएम के बिल्डिंग ब्लॉक्स:
आयुष्मान भारत मिशन 4 मुख्य
बिल्डिंग ब्लॉक्स पर आधारित है:
स्वास्थ्य आईडी: ABDM प्रणाली
के प्रत्येक व्यक्तिगत उपयोगकर्ता को एक विशिष्ट स्वास्थ्य आईडी बनाना होगा जिसे
सत्यापित किया जाएगा और उनकी पहचान से जोड़ा जाएगा।
हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स रजिस्ट्री यह स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों का एक पूरा डेटाबेस
है जो देश भर में स्वास्थ्य सेवाओं की तैनाती से जुड़े हैं।
स्वास्थ्य सुविधा रजिस्ट्री यह देश भर में सभी स्वास्थ्य सुविधाओं का एक व्यापक
डेटाबेस है। इनमें निजी और सार्वजनिक स्वास्थ्य देखभाल सुविधाएँ, जैसे- अस्पताल, डायग्नोस्टिक
लैब, छोटे
क्लीनिक, नर्सिंग
होम आदि शामिल हैं।
आभा
(ABHA) मोबाइल
ऐप ABHA
मोबाइल ऐप का उपयोग रोगियों द्वारा अपनी चिकित्सा
ज़ानकारी को नियंत्रित करने और एक्सेस करने के साथ-साथ इसे स्वास्थ्य पेशेवरों के
साथ साझा करने के लिये किया जाता है। ऐप सुरक्षित पर्सनल हेल्थ रिकॉर्ड (PHR) प्रणाली द्वारा समर्थित है।
3. सक्षम आँगनवाड़ी और पोषण 2.0
§ यह
योजना सभी पात्र लाभार्थियों के लिये खुली है, पूर्व
शर्त केवल यह है कि लाभार्थी को आधार पहचान के साथ निकटतम आँगनबाडी केंद्र में
पंजीकृत होना होगा।
§ इस
योजना की लाभार्थी
14-18 आयु
वर्ग की किशोर बालिकाएँ होंगी, जिनकी पहचान संबंधित
राज्यों द्वारा की
जाएगी।
§ आयुष
मंत्रालय इस
योजना के कार्यान्वयन
के लिये तकनीकी
सहायता प्रदान
करेगा।
भारत में पाँच वर्ष से कम उम्र के बच्चों की
मौत के लगभग 68
प्रतिशत मामलों के लिये
बच्चों और माँ में कुपोषण की स्थिति को ज़िम्मेदार ठहराया जा सकता है।
4. खनिज सुरक्षा भागीदारी
(MSP):
यह
संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा दुर्लभ खनिज आपूर्ति शृंखलाओं को मज़बूत करने की पहल
है।
उद्देश्य: MSP का
लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि दुर्लभ खनिजों का उत्पादन, प्रसंस्करण और पुनर्चक्रण इस तरह से किया जाए कि देशों के
उनके भूवैज्ञानिक प्रबंधन के पूर्ण आर्थिक विकास का लाभ प्राप्त कर सके।
कोबाल्ट, निकेल, लिथियम जैसे खनिजों की आपूर्ति
शृंखलाओं और 17 "दुर्लभ
पृथ्वी" के खनिजों पर भी ध्यान दिया जाएगा।
5. भारत के कार्बन फुटप्रिंट को कम करने के उपाय:
घरेलू सौर विनिर्माण: वर्ष 2022-23
के बजट में सरकार ने भारत में घरेलू सौर विनिर्माण
को बढ़ावा देने के लिये 19,500 करोड़
रुपए आवंटित किये हैं।
बायोमास को-फायरिंग: ताप विद्युत संयंत्रों में को-फायरिंग के लिये 5-7% बायोमास का उपयोग।
ईंधन सम्मिश्रण: ईंधन सम्मिश्रण को बढ़ावा देने के लिये मिश्रित ईंधन
पर 2 रुपये/लीटर
का अतिरिक्त अंतर उत्पाद शुल्क लगाया जाएगा।
बैटरी स्वैपिंग पॉलिसी: स्वच्छ परिवहन प्राप्त करने के लिये इलेक्ट्रिक
वाहनों हेतु एक नई बैटरी स्वैपिंग पॉलिसी तैयार की जाएगी।
ग्रीन बॉण्ड: ग्रीन इंफ्रास्ट्रक्चर के लिये पूँजी जुटाने हेतु
सकारात्मक पर्यावरणीय प्रभाव वाली परियोजनाओं को निधि प्रदान करने हेतु 'ग्रीन बॉण्ड' जैसे
निश्चित वित्तीय तरीके से आय का सृजन करना।
6. बायोमास:
बायोमास पौधे या पशु अपशिष्ट है जिसे विद्युत या
ऊष्मा उत्पन्न करने के लिये ईधन के रूप में जलाया जाता है। उदाहरण लकड़ी, फसलें और जंगलों, यार्डों
या खेतों से निकलने वाले अपशिष्ट।
7. बायोमास को-फायरिंग:
बायोमास
को-फायरिंग कोयला थर्मल संयंत्रों में बायोमास के साथ ईंधन के एक हिस्से को
प्रतिस्थापित करने की विधि है।
बायोमास को-फायरिंग द्वारा उच्च
दक्षता वाले कोयला बॉयलरों में बायोमास को आंशिक स्थानापन्न ईंधन के रूप में उपयोग
किया जाता है।
बायोमास को-फायरिंग फसल अवशेषों को खुले में
जलाने से होने वाले उत्सर्जन को रोकने का एक प्रभावी तरीका है; यह कोयले का उपयोग करके बिजली उत्पादन की
प्रक्रिया को भी डीकार्बोनाइज करता है।
8. उद्यम पोर्टल:
यह MSMEs
के पंजीकरण के लिये स्थापित एक ऑनलाइन प्रणाली है, जिसे केंद्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय द्वारा शुरू किया गया
है। इसके
अलावा, यह केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) और वस्तु और सेवा कर नेटवर्क (GSTN) के
डेटाबेस से जुड़ा हुआ है।