Daily Current affairs 2 Aug 2022 UPSC , Short Notes
2nd Aug 2022
1. अल्फाफोल्ड और प्रोटीन – हाल ही में लंदन स्थित एक कंपनी डीपमाइंड ने अल्फाफोल्ड का उपयोग करके 200 मिलियन से अधिक प्रोटीन त्रि-आयामी संरचनाओं की भविष्यवाणी की है
अल्फाफोल्ड:
अल्फाफोल्ड एक AI आधारित उपकरण है जो प्रोटीन संरचना की
भविष्यवाणी करता है।
यह डीप न्यूरल नेटवर्क नामक कंप्यूटर प्रणाली पर आधारित है।
न्यूरल नेटवर्क बड़ी मात्रा में ठीक उसी प्रकार इनपुट डेटा का उपयोग कर वांछित आउटपुट प्रदान करते हैं, जैसे मानव मस्तिष्क कार्य करता है।
वास्तविक कार्य इनपुट और आउटपुट परतों के मध्य ब्लैक बॉक्स द्वारा संपन्न किया जाता
है, जिसे हिडन नेटवर्क कहा जाता है।
2 . स्वतंत्रता सेनानी पिंगली वेंकैया ने देश
के राष्ट्रीय झंडे को तैयार किया था। गांधी जी के अनुरोध पर
उन्होंने भारत के राष्ट्रीय झंडे की परिकल्पना की थी। हालाँकि प्रारंभ में वेंकैया
ने ध्वज में केवल लाल और हरे रंग का ही प्रयोग किया था, जो क्रमशः हिंदू तथा
मुसलमान समुदायों का प्रतिनिधित्व करते थे। किंतु बाद में इसके केंद्र में एक चरखा
और तीसरे रंग (सफेद) को भी शामिल किया गया।
वर्ष 1931
में भारतीय राष्ट्रीय
काॅॅन्ग्रेस द्वारा इस ध्वज को आधिकारिक तौर पर अपनाया गया।
3. भारतीय उच्च शिक्षा आयोग विधेयक, 2018 का मसौदा:
(GS-2)
HECI के
कार्य:
§ HECI उच्च शिक्षण संस्थानों की स्वायत्तता को बढ़ावा देने और उच्च शिक्षा में शैक्षणिक मानकों के रखरखाव को सुनिश्चित करने के तरीकों की
अनुशंसा करेगा।
§ यह निम्नलिखित मानदंड निर्दिष्ट करेगा:
o
पाठ्यक्रमों के लिये सीखने के परिणाम।
o
शिक्षण और अनुसंधान के मानक।
o
संस्थानों के वार्षिक शैक्षणिक प्रदर्शन को मापने के लिये मूल्यांकन
प्रक्रिया।
o
संस्थानों का प्रत्यायन।
o
संस्थानों को बंद करने का आदेश
§ इसके अलावा HECI कई अन्य मानदंड निर्दिष्ट कर सकता है:
o
शैक्षणिक संचालन शुरू करने के लिये संस्थानों को प्राधिकरण प्रदान करना।
o
उपाधि या डिप्लोमा प्रदान करना।
o
विश्वविद्यालयों के साथ संस्थानों की संबद्धता।
o
स्वायत्तता प्रदान करना।
o
श्रेणीबद्ध स्वायत्तता।
o
कुलपतियों की नियुक्ति के लिये पात्रता मानदंड।
o
संस्थानों की स्थापना और समापन।
o
शुल्क विनियमन।
4. राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 का
महत्त्व:
§ शिक्षा के प्रारंभिक वर्षों के महत्त्व को
पहचानना:
3 वर्ष की उम्र से स्कूली शिक्षा के लिये 5+3+3+4 मॉडल अपनाने की नीति बच्चे के भविष्य को आकार देने
में 3 से 8 वर्ष की उम्र के प्रारंभिक वर्षों के महत्त्व को दर्शाती है।
§ साइलो मानसिकता से दूरी: नई नीति में स्कूली शिक्षा का एक अन्य
महत्त्वपूर्ण पहलू हाई स्कूल में कला, वाणिज्य और विज्ञान धाराओं के विभाजन में
लचीलापन लाना है। साइलो मानसिकता का तात्पर्य ऐसी स्थिति से है जब कुछ विभाग
या क्षेत्र एक ही कंपनी में दूसरों के साथ जानकारी साझा नहीं करना चाहते हैं।
§ शिक्षा और कौशल का संगम: इंटर्नशिप के साथ वोकेशनल कोर्स की शुरुआत। यह समाज के कमज़ोर वर्गों को अपने बच्चों को
स्कूल भेजने के लिये प्रेरित कर सकता है।
§ शिक्षा को अधिक समावेशी बनाना: राष्ट्रीय शिक्षा नीति में 18 वर्ष तक के सभी बच्चों के लिये शिक्षा का अधिकार (RTE) प्रस्तावित है।
§ विदेशी विश्वविद्यालयों को अनुमति: दुनिया के शीर्ष 100 विश्वविद्यालयों को एक नए कानून के माध्यम से
भारत में संचालित करने के लिये ''सुविधा''
दी जाएगी।
§ हिंदी बनाम अंग्रेजी बहस समाप्त करना: यह कम-से-कम ग्रेड 5 तक मातृभाषा, स्थानीय भाषा या क्षेत्रीय भाषा को शिक्षा का
माध्यम बनाने पर ज़ोर देता है, जिसे शिक्षण का सबसे अच्छा माध्यम माना जाता है।
5. तंबाकू एंडगेम पर न्यूज़ीलैंड का विधेयक: (For
Mains)
परिचय: ‘टोबैको
एंडगेम’
एक नीतिगत दृष्टिकोण को संदर्भित करता है जो 'तंबाकू मुक्त भविष्य' के
उद्देश्य से तंबाकू से होने वाली बीमारी को समाप्त करने पर केंद्रित है
तंबाकू सेवन की वर्तमान स्थिति:
वैश्विक: तंबाकू महामारी दुनिया के अब तक के सबसे बड़े
सार्वजनिक स्वास्थ्य खतरों में से एक है, जिसके
कारण प्रति वर्ष 80 लाख
से अधिक लोग मारे जाते हाते हैं (विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार), जिसमें अप्रत्यक्ष तौर पर (सिगरेट के धुँए आदि
कारणों से) प्रभावित 1.2 मिलियन
मौतें शामिल हैं।
दुनिया भर में हर चार में से एक
व्यक्ति तंबाकू का सेवन करता है।
भारत में स्थिति:
NFHS-5 (वर्ष
2019-21) के
अनुसार, 15 वर्ष
से अधिक आयु के 38% पुरुष
और 9% महिलाएँ
तंबाकू उत्पादों का सेवन करते हैं
उच्च तम्बाकू खपत से निपटने हेतु उपाय:
§ वैश्विक पहल:
o
तंबाकू नियंत्रण पर डब्ल्यूएचओ फ्रेमवर्क कन्वेंशन:
इसे तंबाकू महामारी के वैश्विक रोकथाम के लिये विकसित किया गया था और यह एक
साक्ष्य-आधारित संधि है जो सभी लोगों के स्वास्थ्य के उच्चतम स्तर के अधिकार की
पुष्टि करती है।
भारत ने WHO
FCTC के इस ढाँचे के तहत तंबाकू नियंत्रण प्रावधानों को अपनाया है।
विश्व तम्बाकू निषेध दिवस: तंबाकू सेवन के घातक प्रभावों के बारे में
जागरूकता का विस्तार करने हेतु प्रत्येक वर्ष 31 मई को 'विश्व तंबाकू निषेध दिवस' के रूप में मनाया जाता है।
§ भारत द्वारा की गई पहल:
सिगरेट एवं अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम (COTPA), 2003: इसने 1975
के सिगरेट अधिनियम (उत्पादन, आपूर्ति और वितरण विनियमन) को बदल दिया (बड़े पैमाने पर वैधानिक
चेतावनियों तक सीमित- 'सिगरेट धूम्रपान स्वास्थ्य के लिये हानिकारक
है' को सिगरेट पैक और विज्ञापनों पर प्रदर्शित
किया जाता है। इसमें गैर-सिगरेट उत्पाद शामिल नहीं थे)।
वर्ष 2003
के अधिनियम में सिगार, बीड़ी, चेरूट (फिल्टर रहित बेलनाकार सिगार), पाइप तंबाकू,
हुक्का, चबाने वाला तंबाकू, पान मसाला और गुटखा भी शामिल थे।
ई-सिगरेट निषेध अध्यादेश, 2019: यह ई-सिगरेट के उत्पादन, निर्माण, आयात,
निर्यात, परिवहन, बिक्री,
वितरण, भंडारण और विज्ञापन को प्रतिबंधित करता है।
नेशनल टोबैको क्विटलाइन सर्विसेज (NTQLS): नेशनल टोबैको क्विटलाइन सर्विसेज़ बड़ी संख्या
में तंबाकू उपयोगकर्ताओं तक पहुँच बनाने में सक्षम है, जिसका एकमात्र उद्देश्य टेलीफोन आधारित
जानकारी,
सलाह, समर्थन और तंबाकू छोड़ने के इच्छुक लोगों को
परामर्श सेवाएँ प्रदान करना है।
एम-सेसेशन (mCessation) कार्यक्रम: यह कार्यक्रम तंबाकू छोड़ने के लिये मोबाइल
प्रौद्योगिकी पर आधारित एक पहल है।
6. भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD):
§ IMD की स्थापना वर्ष
1875 में हुई थी।
§ यह पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की एक एजेंसी है।