Daily Current affairs 10 sept 2022 UPSC 2023 , Short Notes
परमाणु अप्रसार संधि (NPT):
§ परिचय: – NPT एक अंतर्राष्ट्रीय संधि है जिसका
उद्देश्य परमाणु
हथियारों और हथियार प्रौद्योगिकी के प्रसार को रोकना, परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण उपयोग
को बढ़ावा देना तथा
निरस्त्रीकरण के लक्ष्य को आगे बढ़ाना है।
इस संधि पर वर्ष
1968 में
हस्ताक्षर किये गए और यह 1970 में
लागू हुई। वर्तमान में इसके 190
सदस्य देशों
में लागू है। भारत
इसका सदस्य नहीं है।
- यह परमाणु-हथियार वाले राज्यों द्वारा निरस्त्रीकरण के लक्ष्य हेतु एक
बहुपक्षीय संधि में एकमात्र बाध्यकारी प्रतिबद्धता का प्रतिनिधित्त्व करती
है।
- NPT के तहत ‘परमाणु-हथियार वाले पक्षों’ को 01 जनवरी, 1967 से
पहले परमाणु हथियार या अन्य परमाणु विस्फोटक उपकरणों का निर्माण एवं विस्फोट करने वाले देशों
के रूप में परिभाषित किया गया है।
भारत
का पक्ष – भारत
उन पाँच देशों में से एक है जिन्होंने या तो NPT
पर हस्ताक्षर नहीं किये या हस्ताक्षर किये किंतु बाद
में अपनी सहमति वापस ले ली, इस
सूची में पाकिस्तान, इज़रायल, उत्तर कोरिया और दक्षिण सूडान शामिल हैं।
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भारत ने हमेशा NPT को भेदभावपूर्ण माना और इस पर हस्ताक्षर करने से
इनकार कर दिया था।
परमाणु हथियार से संबंधित अन्य संधियाँ और समझौते:
§ वायुमंडल
में, बाहरी
अंतरिक्ष में और पानी के नीचे परमाणु हथियार परीक्षण पर प्रतिबंध लगाने वाली संधि, जिसे आंशिक
परीक्षण प्रतिबंध संधि (PTBT) के
रूप में भी जाना जाता है।
§ व्यापक
परमाणु-परीक्षण-प्रतिबंध संधि (Comprehensive
Nuclear-Test-Ban Treaty-CTBT): भारत
ने CTBT पर
हस्ताक्षर नहीं किया है क्योंकि भारत परमाणु
हथियार राष्ट्रों के समयबद्ध निरस्त्रीकरण प्रतिबद्धता का एक मज़बूत समर्थक है।
§ परमाणु
हथियारों के निषेध पर संधि (Treaty
on the Prohibition of Nuclear Weapons-TPNW): यह 22 जनवरी, 2021 को लागू हुई और भारत इस संधि का
सदस्य नहीं है।
§ परमाणु
आपूर्तिकर्त्ता समूह (Nuclear
Suppliers Group-NSG): भारत
NSG का
सदस्य नहीं है।
§ मिसाइल
प्रौद्योगिकी नियंत्रण व्यवस्था
§ बैलिस्टिक
मिसाइल प्रसार के विरुद्ध हेग आचार संहिता
§ वासेनार
व्यवस्था