Daily Current affairs 12 & 13 sept 2022 UPSC 2023 , Short Notes
12Sep 2022
गंभीर धोखाधड़ी जाँच कार्यालय (SFIO): – भारत
सरकार के कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय (Ministry
of Corporate Affairs) के अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत यह एक
बहु-अनुशासनात्मक संगठन (Multi-disciplinary organization) हैं
जिसके अंतर्गत् वित्तीय क्षेत्र, पूंजी
बाजार, लेखा, फॉरेंसिक ऑडिट (Forensic
audit), कराधान, कानून, सूचना प्रौद्योगिकी,
कंपनी कानून, कस्टम
तथा जाँच से संबंधित विशेषज्ञ शामिल हैं।
इसका मुख्यालय नई दिल्ली में है।
कार्य और भूमिकाएँ:
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कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 211 ने गंभीर धोखाधड़ी जाँच कार्यालय (SFIO) को वैधानिक दर्जा दिया है।
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SFIO के
पास कंपनी कानून के उल्लंघन के लिये लोगों को गिरफ्तार करने का भी अधिकार है।
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कंपनी के मामलों की जाँँच केंद्र
सरकार द्वारा शुरू की जा सकती है और निम्नलिखित परिस्थितियों में गंभीर धोखाधड़ी
जाँँच कार्यालय को सौंपी जा सकती है:
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कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 208 (निरीक्षण पर रिपोर्ट) के तहत
रजिस्ट्रार या निरीक्षक की रिपोर्ट प्राप्त होने पर।
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एक कंपनी द्वारा पारित एक विशेष
प्रस्ताव की सूचना पर कि उसके मामलों की जाँच आवश्यक है।
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जनहित में।
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केंद्र सरकार या राज्य सरकार के
किसी विभाग के अनुरोध पर।
ऑपरेशन 'गियर बॉक्स' – हाल
ही में राजस्व खुफिया निदेशालय (Directorate of Revenue
Intelligence-DRI) ने हेरोइन की तस्करी को रोकने के लिये ऑपरेशन 'गियर बॉक्स' शुरू किया, जिसमें कोलकाता बंदरगाह से 39.5 किलोग्राम प्रतिबंधित पदार्थ जब्त किया गया।
ऑपरेशन 'गियर बॉक्स':
§ गियर
बॉक्स/कंटेनर में छिपाई
गई दवाओं का पता लगाने के लिये ऑपरेशन गियर बॉक्स चलाया गया है।
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भारत विश्व के दो सबसे बड़े अफीम
उत्पादक क्षेत्रों (एक तरफ ‘गोल्डन
ट्रायंगल’ और
दूसरी तरफ ‘गोल्डन
क्रिसेंट’)
के बीच स्थित है।
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‘गोल्डन
ट्रायंगल’ क्षेत्र
में थाईलैंड, म्याँमार, वियतनाम और लाओस शामिल हैं।
o
‘गोल्डन
क्रिसेंट’ क्षेत्र
में पाकिस्तान, अफगानिस्तान
और ईरान शामिल हैं।
हाइड्रोजन फ्यूल सेल (HFC):
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हाइड्रोजन फ्यूल सेल उच्च
गुणवत्ता वाली विद्युत शक्ति का एक स्वच्छ, विश्वसनीय, निर्बाध और कुशल स्रोत है।
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वे एक विद्युत रासायनिक प्रक्रिया
के परिचालन के लिये फ्यूल के रूप में हाइड्रोजन का उपयोग करते हैं तथा विद्युत के
साथ जल और ऊष्मा का उत्पादन करते हैं जो एकमात्र उप-उत्पाद के रूप में होता है।
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स्वच्छ वैकल्पिक ईंधन विकल्प के
लिये हाइड्रोजन पृथ्वी पर उपलब्ध सबसे प्रचुर तत्त्वों में से एक है।
§ हाइड्रोजन
के निर्माण की प्रक्रिया के आधार पर इसके प्रकार:
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ग्रीन हाइड्रोजन का निर्माण अक्षय ऊर्जा (जैसे- सौर, पवन) का उपयोग करके जल के
इलेक्ट्रोलिसिस द्वारा नि होता है और इसमें कार्बन फुटप्रिंट कम होता है।
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इसके तहत विद्युत द्वारा जल (H2O) को हाइड्रोजन (H) और ऑक्सीजन (O2)
में विभाजित किया जाता है।
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उपोत्पाद: जल,
जलवाष्प।
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ब्राउन हाइड्रोजन का उत्पादन कोयले का उपयोग करके
किया जाता है जहाँ उत्सर्जन को वायुमंडल में निष्कासित किया जाता है।
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ग्रे हाइड्रोजन (Grey Hydrogen) का
उत्पादन प्राकृतिक गैस से होता है जहाँ संबंधित उत्सर्जन को वायुमंडल में
निष्कासित किया जाता है।
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ब्लू हाइड्रोजन (Blue Hydrogen) की
उत्पत्ति प्राकृतिक गैस से होती है, जहाँ
कार्बन कैप्चर और स्टोरेज का उपयोग करके उत्सर्जन को कैप्चर किया जाता है।
13 Sept 2022
प्रोजेक्ट
17A: हाल ही में मझगाँव डॉक शिपबिल्डर्स
लिमिटेड (MDL) जो कि रक्षा मंत्रालय के अधीन है, ने प्रोजेक्ट 17A के तीसरे स्टील्थ फ्रिगेट, तारागिरि को लॉन्च किया।तारागिरि
का नाम गढ़वाल में स्थित हिमालय
की एक पहाड़ी शृंखला के
नाम पर रखा गया है।
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प्रोजेक्ट 17, अल्फा फ्रिगेट्स (P-17A) को
भारतीय नौसेना द्वारा वर्ष
2019 में
स्टील्थ गाइडेड-मिसाइल फ्रिगेट की
एक शृंखला के निर्माण के लिये लॉन्च किया गया था।
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इनका निर्माण वर्तमान में दो
कंपनियों - मझगाँव
डॉक शिपबिल्डर्स (MDL) और
गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (GRSE) द्वारा किया जा रहा है।