Daily Current affairs 14 & 15 sept 2022 UPSC 2023 , Short Notes
14 Sept 2022
भारत 2023 में G20 शिखर सम्मेलन की मेज़बानी करेगा
हाल ही में विदेश मंत्रालय (Ministry of External Affairs- MEA) ने घोषणा की कि भारत वर्ष 2023 में नई दिल्ली में G-20 समूह के नेताओं के शिखर सम्मेलन की मेज़बानी करेगा।
§ 17वाँ G20 राष्ट्राध्यक्षों
और शासनाध्यक्षों का शिखर सम्मेलन नवंबर 2022 में इंडोनेशिया में होगा, जिसके बाद भारत दिसंबर 2022 से G20 की अध्यक्षता ग्रहण करेगा।
§ भारत एक वर्ष की अवधि के लिये G20 की अध्यक्षता
करेगा।
15 Sep 2022
विंडफॉल टैक्स:
परिचय: – विंडफॉल टैक्स किसी विशेष कंपनी या उद्योग को हुए
अप्रत्याशित बढ़े मुनाफे पर लगाईं गई उच्च कर दर है। उदाहरण के लिये रूस-यूक्रेन संघर्ष के
परिणामस्वरूप ऊर्जा मूल्य-वृद्धि।
ये ऐसे लाभ हैं जिन्हें फर्म
द्वारा किसी सक्रिय निवेश रणनीति या व्यवसाय के विस्तार के लिये ज़िम्मेदार नहीं
ठहराया जा सकता है।
अप्रत्याशित लाभ को "बिना किसी अतिरिक्त प्रयास या
व्यय के आय में अनर्जित, अप्रत्याशित
लाभ" के
रूप में परिभाषित किया गया है।
सरकारें आमतौर पर इस तरह के
मुनाफे पर कर की सामान्य
दरों के ऊपर पूर्वव्यापी रूप से एकमुश्त कर लगाती हैं, जिसे विंडफॉल टैक्स कहा जाता है।
एक क्षेत्र जहाँ इस तरह के करों
पर नियमित रूप से चर्चा की जाती है, वह
है तेल बाज़ार, जहाँ
कीमतों में उतार-चढ़ाव से उद्योग
को अस्थिर या अनिश्चित लाभ होता है।
प्राकृतिक रबड़:
वाणिज्यिक रोपण फसल: रबड़ हेविया ब्रासिलिएन्सिस नामक
पेड़ के लेटेक्स से बनाया जाता है। रबड़ को बड़े पैमाने पर रणनीतिक औद्योगिक कच्चे
माल के रूप में माना जाता है और इसे रक्षा, राष्ट्रीय
सुरक्षा एवं औद्योगिक विकास के लिये विश्व स्तर पर विशेष दर्जा दिया गया है।
विकास हेतु आवश्यक स्थिति: यह भूमध्यरेखीय
फसल है
लेकिन विशेष परिस्थितियों में इसे उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में
भी उगाया जाता है।
तापमान: नम और आर्द्र जलवायु के साथ 25 डिग्री सेल्सियस से ऊपर।
वर्षा: 200 सेमी से अधिक।
मृदा का प्रकार: समृद्ध जलोढ़ मृदा।
इस रोपण फसल के लिये कुशल श्रम की सस्ती और पर्याप्त
आपूर्ति की आवश्यकता है।
विश्व स्तर पर प्रमुख उत्पादक: थाईलैंड, इंडोनेशिया, मलेशिया, वियतनाम, चीन
और भारत।
प्रमुख उपभोक्ता: चीन, भारत, अमेरिका, जापान, थाईलैंड, इंडोनेशिया और मलेशिया।
भारत में रबड़ उत्पादन की स्थिति:
उत्पादन: – अंग्रेज़ों ने भारत में पहला रबड़ बागान वर्ष 1902 में केरल में पेरियार नदी के तट
पर स्थापित किया था।
भारत वर्तमान में उच्चतम उत्पादकता के
साथ इस प्राकृतिक सामग्री का पाँचवाँ
सबसे बड़ा उत्पादक है।
भारत की कुल प्राकृतिक रबड़ खपत का लगभग 40% वर्तमान में आयात के माध्यम से
पूरा किया जाता है।
शीर्ष रबड़ उत्पादक राज्य: केरल > तमिलनाडु > कर्नाटक।
सरकार की पहलें:
o
रबड़ प्लांटेशन डेवलपमेंट स्कीम और रबड़
ग्रुप प्लांटिंग स्कीम, सरकार के नेतृत्त्व वाली पहल के प्रमुख उदाहरण हैं।
o
रबड़ के बागानों में 100% प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) की
अनुमति है।
o
वाणिज्य विभाग ने राष्ट्रीय रबड़ नीति मार्च 2019 में
पेश की।
रबड़ बोर्ड ऑफ इंडिया:
– इसका मुख्यालय वाणिज्य
और उद्योग मंत्रालय के
प्रशासन के अंतर्गत केरल
के कोट्टायम में
अवस्थित है। रबड़
अनुसंधान संस्थान, रबड़
बोर्ड के अधीन है।
राजनीतिक दलों के रूप में मान्यता हेतु निर्धारित शर्तें:
राष्ट्रीय दलों की मान्यता के लिये शर्तें |
राज्य स्तरीय दल के रूप में मान्यता के लिये शर्तें |
यदि निम्नलिखित
में से कोई भी शर्त पूरी होती है तो एक दल को राष्ट्रीय दल के रूप में मान्यता दी जाती है : यदि यह लोकसभा या विधानसभा के आम चुनाव में किन्हीं चार या अधिक राज्यों में डाले गए वैध मतों का 6% प्राप्त करता है और इसके अलावा यह किसी राज्य या राज्यों से लोकसभा में चार सीटें जीतता है, अथवा यदि वह आम चुनाव
में लोकसभा में 2% सीटें जीतता है और ये उम्मीदवार तीन राज्यों से चुने जाते हैं, अथवा यदि इसे चार राज्यों में एक राज्य स्तरीय पार्टी के रूप में मान्यता प्राप्त है। |
एक राज्य में यदि निम्नलिखित में से कोई भी शर्त पूरी होती है: यदि यह संबंधित राज्य की विधानसभा के आम चुनाव में राज्य में डाले गए वैध मतों का 6% प्राप्त करता है और इसके अलावा यह संबंधित राज्य की विधानसभा में 2 सीटें जीतता है, अथवा यदि यह संबंधित राज्य से लोकसभा के आम चुनाव में राज्य में डाले गए वैध मतों का 6% प्राप्त करता है और इसके अलाव, यह संबंधित राज्य से लोकसभा में 1 सीट जीतता है, अथवा यदि यह संबंधित
राज्य की विधानसभा के आम चुनाव में 3% सीटें जीतता है या विधानसभा में 3 सीटें, जो भी अधिक हो या यदि वह संबंधित
राज्य से लोकसभा के आम चुनाव में राज्य को आवंटित प्रत्येक 25 सीटों या उसके
किसी भी अंश के लिये लोकसभा में 1 सीट जीतता है या यदि यह राज्य से
लोकसभा या राज्य की विधानसभा के आम चुनाव में राज्य में डाले गए कुल वैध मतों का 8% प्राप्त करता है। यह शर्त वर्ष 2011 में जोड़ी गई थी। |
जनप्रतिनिधित्त्व अधिनियम (RPA),
1951:
§ मुख्य प्रावधान:
o
यह चुनाव और उप-चुनावों के
वास्तविक संचालन को नियंत्रित करता है।
o
यह चुनाव कराने के लिये प्रशासनिक
मशीनरी प्रदान करता है।
o
यह राजनीतिक दलों के पंजीकरण से
संबंधित है।
o
यह सदनों की सदस्यता के लिये
अर्हताओं और अयोग्यताओं को निर्दिष्ट करता है।
o
इसमें भ्रष्ट आचरण और अन्य
अपराधों पर अंकुश लगाने के प्रावधान किये गए हैं।
o
इसमें चुनावों से उत्पन्न संदेहों
और विवादों को निपटाने की प्रक्रिया निर्धारित की गई है।
अनुसूचित
जनजाति की सूची में शामिल नए समुदाय
किसी समुदाय को अनुसूचित जनजातियों की सूची में शामिल करने की
प्रक्रिया:
§ जनजातियों
को ST की
सूची में शामिल करने की प्रक्रिया संबंधित राज्य सरकारों की सिफारिश से शुरू होती
है, जिसे
बाद में जनजातीय
मामलों के मंत्रालय को
भेजा जाता है, जो समीक्षा करता है और अनुमोदन के लिये भारत के महापंजीयक को इसे
प्रेषित करता है।
§ इसके
बाद अंतिम निर्णय के लिये कैबिनेट को सूची भेजे जाने से पहले राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग की मंज़ूरी मिलती है।
अनुसूचित जनजाति की सूची में शामिल नए समुदाय:
हट्टी जनजाति (हिमाचल प्रदेश): – हट्टी एक घनिष्ठ
समुदाय हैं, जिन्होंने कस्बों में 'हाट' नामक छोटे बाज़ारों में घरेलू सब्जियों, फसल, मांस और ऊन आदि बेचने की अपनी परंपरा से यह
नाम प्राप्त किया।
नारिकोरावन और कुरीविक्करन(तमिलनाडु): – नारिकुरवा और कुरुविकार (सियार पकड़ने वाले और पक्षी
खाने वाले) जैसी खानाबदोश जनजातियाँ शिकार तथा संग्रहण करने के अपने पारंपरिक
व्यवसायों पर गर्व करती हैं।
बिंझिया (छत्तीसगढ़) – बिंझिया को झारखंड और ओडिशा में अनुसूचित जनजाति के रूप में सूचीबद्ध किया गया था
लेकिन छत्तीसगढ़ में नहीं। बिंझिया, मांसाहारी हैं और कृषि उनकी अर्थव्यवस्था का मुख्य
आधार है।
वे गोमांस एवं सूअर का मांस नहीं खाते हैं, लेकिन हंडिया (चावल की बीयर) सहित मादक पेय का सेवन करते हैं।