Ads Area

Daily Current affairs 16 sept 2022 UPSC 2023 , Short Notes

 Daily Current affairs 16 sept 2022 UPSC 2023 , Short Notes

16 sep 2022

वित्तीय स्थिरता और विकास परिषद (FSDC)

स्थापना:यह वित्त मंत्रालय के तहत एक गैर-सांविधिक शीर्ष परिषद है तथा इसकी स्थापना वर्ष 2010 में एक कार्यकारी आदेश द्वारा की गई थी।

FSDC की स्थापना का प्रस्ताव सबसे पहले वित्तीय क्षेत्र के सुधारों पर गठित रघुराम राजन समिति (2008) द्वारा किया गया था।.

संरचना:

इसकी अध्यक्षता वित्त मंत्री द्वारा की जाती है तथा इसके सदस्यों में वित्तीय क्षेत्र के सभी नियामकों (RBISEBIPFRDA और IRDA) के प्रमुख, वित्त सचिव, आर्थिक मामलों के विभाग (DEA) के सचिव, वित्तीय सेवा विभाग (DFS) के सचिव और मुख्य आर्थिक सलाहकार शामिल हैं। वर्ष 2018 में सरकार ने आर्थिक मामलों के विभाग (DEA) के ज़िम्मेदार राज्य मंत्री, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के सचिवभारतीय दिवाला एवं दिवालियापन बोर्ड (IBBI) के अध्यक्ष तथा राजस्व सचिव को शामिल करने के उद्देश्य से FSDC का पुनर्गठन किया।

o    FSDC उप-समिति की अध्यक्षता RBI के गवर्नर द्वारा की जाती है।

 

एग्रीटेक समिट:एग्रीटेक समिट भारत में कृषि के क्षेत्र में सर्वोत्तम प्रथाओं को पहचानने और ज्ञान साझा करने के लिये कृषि से संबंधित प्रौद्योगिकी में शामिल शीर्ष राजनीतिक नेतृत्व, नीति निर्माताओं, विचारशील नेताओं और कंपनियों को एक-साथ लाने का मंच है।

सरकार डिजिटल एग्री मिशन पर काम कर रही है ताकि किसानों की पहुँच सरकार तक हो और सरकार सभी किसानों तक पहुँच सके।

डिजिटल कृषि मिशन के तहत यदि सभी किसानों, कृषि क्षेत्रों, सरकारी योजनाओं, केंद्र और राज्य सरकारों तथा बैंकों को भी इस मंच पर लाया जाता है, तो योजनाओं का लाभ आसानी से उपलब्ध होगा।

कृषि गतिविधियों को मशीनीकरण से जोड़ा जा रहा है।

सरकार ड्रोन तकनीक को बढ़ावा दे रही है।

कृषि से संबंधित अन्य पहलें:

§  पाम ऑयल मिशन

§  प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना

§  प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना

§  एग्रीस्टैक

§  एकीकृत किसान सेवा मंच

§  कृषि में राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस योजना

§  कृषि मशीनीकरण पर उप-मिशन (SMAM)

 

महिला सशक्तीकरण से संबंधित प्रमुख सरकारी योजनाएँ:

§  बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना

§  उज्ज्वला योजना

§  स्वाधार गृह

§  प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना

§  प्रधानमंत्री महिला शक्ति केंद्र योजना

§  वन स्टॉप सेंटर

 

शैलो वाटर माइनिंग

शैलो वाटर माइनिंग क्या है?शैलो वाटर माइनिंग 200 मीटर से कम गहराई पर होटी है और इसे स्थलीय खनन की तुलना में कम विनाशकारी और डीप-वाटर इकोसिस्टम के खनन से कम जोखिमभरा बताया गया है।

धातुओं और खनिजों की मांग को पूरा करने के लिये इसे अपेक्षाकृत कम जोखिम वाला तथा कम लागत वाला विकल्प माना जाता है। इसके अलावा, शैलो वाटर माइनिंग के लिये तकनीक पहले से मौजूद है।

 

जागृति' कार्यक्रम:यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति (National Education Policy-NEP), 2020 के अनुरूप एक बच्चे के समग्र व्यक्तित्व विकास को सुनिश्चित करने की दिशा में एक पहल है।

यह पहली से पाँचवीं कक्षा तक के छात्रों के लिये है।

Post a Comment

0 Comments